टी20 इंटरनेशनल क्रिकेट में भारत के सबसे बेहतरीन फिनिशर माने जा रहे रिंकू सिंह को साउथ अफ्रीका के खिलाफ आगामी टी20 सीरीज के लिए टीम इंडिया से बाहर कर दिया गया है। चयनकर्ताओं के इस फैसले ने क्रिकेट जगत और फैंस को हैरान कर दिया है, क्योंकि रिंकू के आंकड़े बेहद शानदार रहे हैं।
रिंकू सिंह का टी20 इंटरनेशनल रिकॉर्ड किसी भी बल्लेबाज के लिए ईर्ष्या का विषय हो सकता है, खासकर तब जब वह लोअर मिडिल ऑर्डर में बल्लेबाजी करते हैं। औसत 42 से अधिक, स्ट्राइक रेट 161.76 से अधिक, कुल रन 35 मैचों की 25 पारियों में 550 रन, अर्धशतक 3, बाउंड्री 46 चौके और 31 छक्के हैं। ये आंकड़े बताते हैं कि रिंकू ने जब भी मौका मिला है, टीम के लिए मैच विनिंग पारियां खेली हैं।
ड्रॉप होने की असली वजहें
रिंकू सिंह को बाहर किए जाने की कोई आधिकारिक वजह नहीं बताई गई है, लेकिन रिपोर्ट्स और विश्लेषणों के आधार पर कुछ प्रमुख कारण सामने आ रहे हैं: टी20 वर्ल्ड कप 2026 की तैयारियों को देखते हुए, टीम इंडिया का ध्यान अब अधिक ऑलराउंडरों को मौका देने पर है। साउथ अफ्रीका के खिलाफ घोषित टीम में शिवम दुबे, हार्दिक पांड्या, अभिषेक शर्मा, अक्षर पटेल और वॉशिंगटन सुंदर जैसे 5 ऑलराउंडरों को शामिल किया गया है। रिंकू सिंह विशेषज्ञ बल्लेबाज हैं, जबकि चयनकर्ता अब बल्लेबाजी में गहराई (बैटिंग डेप्थ) और गेंदबाजी विकल्प वाले खिलाड़ियों को प्राथमिकता दे रहे हैं।
2. मौके की कमी और बेंच पर समय
- रिंकू सिंह को हाल के टूर्नामेंटों में लगातार प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं मिला। एशिया कप 2025 में उन्हें ग्रुप राउंड के बाद बेंच पर रखा गया। फाइनल में वह चोटिल हार्दिक पांड्या की जगह आए और सिर्फ एक गेंद खेली।
- ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी उन्हें अंत तक बेंच पर बैठना पड़ा, जिससे उन्हें अपनी योग्यता साबित करने का मौका ही नहीं मिल पाया।
- यह विडंबना है कि वह बेंच पर बैठे-बैठे ही टीम से बाहर हो गए, जबकि उनका प्रदर्शन शानदार था।
3. नए हेड कोच की रणनीति
- नए हेड कोच गौतम गंभीर के आने के बाद, टीम की रणनीति में बदलाव देखने को मिला है। रिंकू सिंह का पसंदीदा बल्लेबाजी क्रम (नंबर 5) भी छीन लिया गया था, और उन्हें पिछली पांच पारियों में से तीन बार नंबर 7 पर खेलना पड़ा।
- गंभीर और चयन समिति संभवतः उन खिलाड़ियों पर अधिक दांव लगा रही है जो टी20 क्रिकेट के सभी विभागों में योगदान दे सकें।
- रिंकू सिंह को टीम से बाहर किए जाने पर फैंस और कई क्रिकेट विशेषज्ञ चयनकर्ताओं की कड़ी आलोचना कर रहे हैं, क्योंकि उनका मानना है कि रिंकू जैसे मैच फिनिशर को टीम में न रखना एक जोखिम भरा फैसला है।


