भारत में समाचार एजेंसी रॉयटर्स का एक्स (पहले ट्विटर) अकाउंट अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। इस घटना ने सोशल मीडिया पर अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और सरकार के नियंत्रण को लेकर नई बहस छेड़ दी है। हालांकि, भारत सरकार ने स्पष्ट किया है कि वे इस मामले को सुलझाने के लिए रॉयटर्स के साथ संपर्क में हैं और जल्द ही इस मुद्दे को हल कर लिया जाएगा।
क्या है पूरा मामला?
रिपोर्ट्स के अनुसार, रॉयटर्स के आधिकारिक एक्स अकाउंट तक भारतीय यूजर्स की पहुंच रोक दी गई है। यूजर्स जब अकाउंट एक्सेस करने की कोशिश कर रहे हैं, तो उन्हें एक संदेश दिख रहा है कि यह अकाउंट “कानूनी मांग” के जवाब में भारत में रोका गया है। हालांकि, रॉयटर्स या सरकार की ओर से इस “कानूनी मांग” के बारे में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है।
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब हाल के महीनों में सरकार और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के बीच सामग्री नियंत्रण और नियमों को लेकर कई विवाद सामने आए हैं।
सरकार का क्या कहना है?
भारत सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह मामला “तकनीकी” या “प्रशासनिक” हो सकता है और इसे जल्द ही सुलझा लिया जाएगा। अधिकारी ने कहा, “हम रॉयटर्स के साथ सीधे संपर्क में हैं और इस मुद्दे को समझने और इसे हल करने के लिए काम कर रहे हैं। हम अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सम्मान करते हैं और हमारा लक्ष्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी वैध मीडिया प्लेटफॉर्म भारत में काम कर सकें।“
उन्होंने आगे कहा कि ऐसी स्थितियाँ अक्सर गलतफहमी या तकनीकी ग्लिच के कारण उत्पन्न होती हैं, और सरकार का उद्देश्य किसी भी मीडिया आउटलेट को अनावश्यक रूप से प्रतिबंधित करना नहीं है।
रॉयटर्स की प्रतिक्रिया
रॉयटर्स की ओर से इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है। हालांकि उम्मीद है कि वे जल्द ही इस पर अपनी स्थिति स्पष्ट करेंगे। यह घटनाक्रम दर्शाता है कि भारत में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और सरकार के बीच संबंधों में अभी भी कुछ चुनौतियाँ बनी हुई हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मामला कितनी जल्दी सुलझता है और इसके पीछे की वास्तविक वजह क्या सामने आती है।