फ़िल्म ‘धुरंधर’ में अक्षय खन्ना ने जिस खूंखार रहमान डकैत की भूमिका निभाई है, उसकी वास्तविक कहानी पाकिस्तान के कराची शहर के ल्यारी इलाके से जुड़ी है। यह वह इलाका है, जिसे कभी ‘मिनी ब्राजील’ कहा जाता था, लेकिन 1990 और 2000 के दशक में यह गैंगस्टरों का गढ़ बन गया। कम उम्र में ही अपराध की दुनिया में कदम रखने वाला सरदार अब्दुल रहमान बलोच कैसे रहमान डकैत बना, जानिए उसकी पूरी कहानी।
अपराध की दुनिया में बचपन
- पृष्ठभूमि: रहमान डकैत का जन्म एक गरीब बलोच परिवार में हुआ था, जिसके पिता और चाचा ड्रग्स तस्करी के धंधे में लिप्त थे। ल्यारी में उसने बचपन से ही अपराध और गरीबी देखी।
- पहला अपराध: मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रहमान ने महज 13 साल की उम्र में ही चाकू मारकर एक व्यक्ति की हत्या करके अपराध की दुनिया में कदम रखा।
- माँ की हत्या: 1995 में, केवल 19 या 15 साल की उम्र में, रहमान ने कथित तौर पर अपनी माँ, खदीजा बीबी की गला घोंटकर हत्या कर दी। ऐसा कहा जाता है कि उसे शक था कि उसकी माँ के संबंध दुश्मन गैंग के सदस्य से थे। यह घटना ल्यारी में दहशत फैलाने वाली थी।
ल्यारी का ‘अंडरवर्ल्ड डॉन’
- पिता की मौत के बाद और हाजी लालू गैंग के पतन (2001) के बाद, रहमान ने ल्यारी में अपना वर्चस्व स्थापित किया। उसने ड्रग्स तस्करी, अपहरण, जबरन वसूली और हत्याओं जैसे जघन्य अपराधों के माध्यम से लाखों रुपये कमाए।
- उसके खतरनाक अपराधों की वजह से उसे ‘रहमान डकैत’ नाम मिला। कहा जाता था कि रहमान अपने दुश्मनों को ‘कसाईनुमा’ मौत देता था। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, उसके आदेश पर उसके लोग दुश्मनों के कटे हुए सिरों से फुटबॉल खेलते थे।
- अपराधों के बावजूद, रहमान ने ल्यारी की गरीब जनता के बीच खुद को ‘रॉबिन हुड’ के तौर पर पेश किया। उसने कुछ सामाजिक कार्य भी किए, जैसे कि क्लिनिक और मदरसों को फंड करना, जिससे उसे इलाके में एक खास तरह का समर्थन मिला।
राजनीतिक संरक्षण और खात्मा
- रहमान डकैत को पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) से राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था। 2008 में, पीपीपी ने उसे ‘पीपुल्स अमन कमिटी’ (PAC) का प्रमुख बनाया, जो वास्तव में उसके गैंग के लिए एक राजनीतिक कवर था।
- 2007 में बेनजीर भुट्टो पर हुए हमले के दौरान, रहमान के लोगों ने ही उनकी सुरक्षा संभाली थी और धमाके के बाद रहमान ने खुद बेनजीर को भीड़ से निकाला था।
- अगस्त 2009 में, कराची पुलिस के साथ एक शूटआउट में 34 साल की उम्र में रहमान डकैत मारा गया।
अक्षय खन्ना ने फिल्म में इस क्रूर, लेकिन करिश्माई डकैत के किरदार को बेहद दमदार तरीके से निभाया है, जिससे एक बार फिर पाकिस्तान के इस सबसे खतरनाक गैंगस्टर की कहानी चर्चा में आ गई है।


