अफगानिस्तान के बगराम एयरबेस को वापस सौंपने की अमेरिकी धमकियों को तालिबान ने सिरे से खारिज कर दिया है। तालिबान के रक्षा मंत्री मोहम्मद याकूब मुजाहिद ने साफ तौर पर कहा कि वे विदेशी सैनिकों की वापसी के किसी भी प्रयास का विरोध करेंगे। उन्होंने कहा, “हमारा जवाब है, अगर आप नहीं जाते और हवाई अड्डे चाहते हैं, तो हम आपसे अगले 20 साल तक लड़ने के लिए तैयार हैं।”
ट्रंप की धमकी और तालिबान का जवाब
यह पूरा विवाद तब शुरू हुआ जब अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बगराम एयरबेस को अमेरिका को वापस सौंपने की धमकी दी। उन्होंने लिखा था, “अगर अफगानिस्तान बगराम एयरबेस को उसके निर्माणकर्ताओं यानी संयुक्त राज्य अमेरिका को वापस नहीं करता है तो बुरी घटनाएं घटेंगी।” ट्रंप ने पहले भी इस एयरबेस पर नियंत्रण पाने की इच्छा जताई थी।
तालिबान के जनरल डायरेक्टरेट ऑफ इंटेलिजेंस के पहले डिप्टी मुल्ला ताजमीर जवाद ने भी ट्रंप की धमकी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अफगान सरकार अपनी मौजूदा व्यवस्था को बनाए रखेगी। अफगान विदेश मंत्रालय के राजनीतिक निदेशक जाकिर जलाली ने भी कहा कि अफगानों ने ‘अपने क्षेत्र में विदेशी सैनिकों को कभी स्वीकार नहीं किया है।’
बगराम एयरबेस का इतिहास
बगराम एयरबेस, काबुल से करीब 50 किलोमीटर उत्तर में स्थित है। यह 11 सितंबर, 2001 के हमलों के बाद अमेरिकी सेना के लिए एक प्रमुख संचालन केंद्र था। अमेरिका के नेतृत्व में गठबंधन बलों की 20 साल की सैन्य उपस्थिति के दौरान यह बेस अमेरिकी सैनिकों का मुख्य अड्डा रहा। अगस्त 2021 में अमेरिकी सेना की वापसी के बाद तालिबान ने इस एयरबेस पर कब्जा कर लिया था। ट्रंप ने पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना की वापसी की नीति की भी आलोचना की थी। वर्तमान में, अमेरिका और तालिबान के बीच इस मुद्दे पर तनाव बना हुआ है।