उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गोमती नदी के किनारे राष्ट्र प्रेरणा स्थल बनकर तैयार है। 65 एकड़ में फैला यह विशाल परिसर अपनी भव्यता और वास्तुकला के लिए चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
25 दिसंबर को पीएम करेंगे उद्घाटन
- लोकार्पण की तिथि: पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती, 25 दिसंबर 2025।
- अतिथि: इस ऐतिहासिक अवसर पर लगभग डेढ़ लाख से अधिक मेहमानों के साक्षी बनने की उम्मीद है। प्रशासन ने सुरक्षा, यातायात और भीड़ प्रबंधन के लिए व्यापक तैयारियां की हैं, जिसमें बसों के लिए कलर-कोडिंग और रूट मैप शामिल हैं।
भव्यता और मुख्य आकर्षण
लगभग ₹232 करोड़ की लागत से लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) द्वारा विकसित किए गए इस स्थल की मुख्य विशेषताएं इस प्रकार हैं:
- कमल की आकृति: पूरे परिसर को कमल के फूल की आकृति में डिज़ाइन किया गया है, जो इसकी भव्यता को और बढ़ाता है।
- विशाल प्रतिमाएं: प्रेरणा स्थल का मुख्य आकर्षण भारतीय जनसंघ और BJP के तीन प्रमुख नेताओं की कांस्य प्रतिमाएं हैं:
- अटल बिहारी वाजपेयी
- पंडित दीनदयाल उपाध्याय
- डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी
- इन तीनों विभूतियों की प्रतिमाओं की ऊंचाई लगभग 63 फीट है, जो देश में इन नेताओं की सबसे बड़ी और ऊंची प्रतिमाएं मानी जा रही हैं।
- म्यूज़ियम और गैलरी: परिसर में 6,300 वर्ग मीटर में फैला एक म्यूज़ियम ब्लॉक है। इसमें पांच गैलरी हैं, जहाँ तीनों नेताओं के जीवन, संघर्षों और उपलब्धियों को तस्वीरें, स्टोन म्यूरल्स और डिजिटल ऑडियो-विजुअल पैनल के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। आगंतुक प्ले-बैक सिस्टम पर अटल जी की कविताएं और भाषण भी सुन सकेंगे।
- अन्य सुविधाएं: प्रेरणा स्थल में 3,000 लोगों की क्षमता वाला एम्फीथिएटर, रैलियों के लिए बड़ा पक्का मंच (हाइड्रोलिक सिस्टम सहित), तीन हैलीपैड, योगा ज़ोन और लगभग 2,000 वाहनों के लिए पार्किंग की व्यवस्था की गई है।
लखनऊ के बसंत कुंज क्षेत्र में गोमती नदी के किनारे स्थित यह स्थल, शहर के नए सांस्कृतिक और प्रेरणादायक प्रतीक के रूप में उभरेगा।


