अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय अर्थव्यवस्था को ‘मृत’ कहे जाने के बाद, कांग्रेस नेता राहुल गांधी और शशि थरूर के बीच बयानों में एक दिलचस्प विरोधाभास देखने को मिला। जहां राहुल गांधी ने ट्रंप के बयान का समर्थन करते हुए भाजपा सरकार पर तीखा हमला बोला, वहीं शशि थरूर ने अमेरिकी टैरिफ के मद्देनजर भारत की व्यापक व्यापार रणनीति पर प्रकाश डाला।
राहुल गांधी: ‘ट्रंप सही हैं, अर्थव्यवस्था मृत है’
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने ट्रंप के बयान को “बिल्कुल सही” बताते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा, “डोनाल्ड ट्रंप ने बिल्कुल सही कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था मृत है। भाजपा ने देश की अर्थव्यवस्था को खत्म कर दिया है।” राहुल गांधी ने बेरोजगारी और बढ़ती महंगाई का हवाला देते हुए कहा कि ये मुद्दे सीधे तौर पर देश की खराब आर्थिक स्थिति को दर्शाते हैं।
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री मोदी चीन सीमा विवाद पर चुप हैं, जबकि ट्रंप ने 30-32 बार दावा किया है कि उन्होंने “युद्धविराम” किया है। राहुल गांधी ने पूछा, “प्रधानमंत्री मोदी इस पर जवाब क्यों नहीं दे पा रहे हैं?”
शशि थरूर: ‘यह चुनौतीपूर्ण वार्ता है, कई देशों से भी बातचीत जारी’
इसी मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने अमेरिकी टैरिफ और भारत-अमेरिका व्यापार वार्ताओं की जटिलता पर बात की। थरूर ने कहा, “यह एक चुनौतीपूर्ण वार्ता है। हम (भारत) कई देशों के साथ बातचीत कर रहे हैं, न सिर्फ अमेरिका के साथ।” उनका बयान ऐसे समय आया है जब ट्रंप ने भारत पर 25% टैरिफ लगाने की घोषणा की है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा, अमेरिका अकेला ऐसा देश नहीं है जिसके साथ बातचीत चल रही है। यूरोपीय संघ के साथ हमारी बातचीत चल रही है, हमने ब्रिटेन के साथ एक समझौता कर लिया है और हम अन्य देशों के साथ भी बातचीत कर रहे हैं। अगर हम अमेरिका में प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकते तो हमें अमेरिका के बाहर अपने बाज़ारों में विविधता लानी पड़ सकती है। हमारे पास कोई विकल्प नहीं है। अमेरिका अपनी माँगों को लेकर पूरी तरह से अनुचित है, तो हमें कहीं और जाना होगा। यही भारत की ताकत है। हम चीन की तरह पूरी तरह से निर्यात पर निर्भर अर्थव्यवस्था नहीं हैं। थरूर ने कहा, हमारे पास एक अच्छा और मज़बूत घरेलू बाज़ार है। हमें अपने वार्ताकारों को सर्वोत्तम संभव सौदा खोजने के लिए मज़बूत समर्थन देना चाहिए। अगर कोई अच्छा सौदा संभव नहीं है, तो हमें पीछे हटना पड़ सकता है।
थरूर ने संकेत दिया कि भारत अपने राष्ट्रीय हितों को प्राथमिकता देगा और किसी भी दबाव में नहीं झुकेगा। उन्होंने यह भी जोड़ा कि अमेरिका के साथ एक संतुलित और पारस्परिक रूप से लाभकारी व्यापार समझौता ही दोनों देशों के लिए फायदेमंद होगा। थरूर का यह बयान भारत की बहुआयामी व्यापार रणनीति को दर्शाता है, जिसमें यूरोपीय संघ, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के साथ भी मुक्त व्यापार समझौतों पर काम शामिल है।
कुल मिलाकर, एक ही पार्टी के दो प्रमुख नेताओं के बयानों ने भारत की आर्थिक स्थिति और व्यापारिक संबंधों पर अलग-अलग दृष्टिकोण प्रस्तुत किए हैं। जहां राहुल गांधी ने घरेलू राजनीति के संदर्भ में सरकार पर हमला बोला, वहीं थरूर ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार की जटिलताओं और भारत की रणनीतिक स्थिति पर ध्यान केंद्रित किया।