लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र जल्द से जल्द बुलाया जाए। पत्र में लिखा गया है कि इस महत्वपूर्ण समय में भारत को यह दिखाना चाहिए कि हम आतंकवाद के खिलाफ हमेशा एकजुट हैं। वहीं कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम में हुए क्रूर आतंकवादी हमले से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए सामूहिक इच्छाशक्ति का प्रदर्शन करने हेतु संसद के दोनों सदनों का विशेष सत्र यथाशीघ्र बुलाया जाए।
कांग्रेस पार्टी का सामूहिक संकल्प क्या है
भाजपा नेता शहजाद पूनावाला ने कहा कि मल्लिकार्जुन खरगे को सबसे पहले बताना चाहिए कि पहलगाम आतंकी हमले पर कांग्रेस पार्टी का सामूहिक संकल्प क्या है। एक तरफ सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस पार्टी कहती है कि हम सरकार के साथ हैं, सख्त से सख्त कार्रवाई करें और दूसरी तरफ उनके नेता सिद्धारमैया कहते हैं कि पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई नहीं होनी चाहिए। उनके अन्य नेता पाकिस्तान से दोष हटाकर भारत पर दोष डालते हैं, उनके कुछ नेता पीडि़तों को झूठा साबित करने की कोशिश कर रहे हैं। सबसे पहले मल्लिकार्जुन खरगे को बताना चाहिए कि कांग्रेस का सामूहिक स्टैंड क्या है।
संसद का सत्र बुलाने पर क्या आपत्ति है
आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि सरकार अगर सर्वदलीय बैठक बुला सकती है तो उन्हें इस मामले पर संसद का सत्र बुलाने पर कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। संसद का सत्र होगा तो अलग-अलग दल के लोग अपनी राय रख पाएंगे, सरकार के सामने अपने सुझाव रख पाएंगे और सरकार भी जवाब दे पाएगी कि उनकी क्या तैयारी है।
1947 में नहीं गए तो फिर आज क्यों जाएंगे?
जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने पहलगाम आतंकी हमले पर कहा कि हम पाकिस्तान की इस गलतफहमी को दूर करना चाहते हैं कि इन हरकतों से हम पाकिस्तान चले जाएंगे। हम जब 1947 में उनके साथ नहीं गए तो फिर आज क्यों जाएंगे? हम दो राष्ट्र सिद्धांत आज भी मानने को तैयार नहीं हैं। हम इससे कमजोर नहीं बल्कि मजबूत हो रहे हैं। मैं पहले हमेशा चाहता था कि बातचीत हो मगर हम उन पीडि़तों के परिवारों से क्या कहेंगे कि हम बातचीत कर रहे हैं? क्या बातचीत करना इंसाफ है?