दिल्ली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “हमें चुनाव आयोग के अंदर से मदद मिलनी शुरू हो गई है। अब हमें चुनाव आयोग के अंदर से जानकारी मिल रही है, और यह रुकने वाला नहीं है।”
राहुल गांधी के आरोप
राहुल गांधी ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर सीधे आरोप लगाए और अपनी बात को साबित करने के लिए कर्नाटक का उदाहरण दिया। उन्होंने कहा कि कर्नाटक की CID ने 18 महीनों में चुनाव आयोग को 18 पत्र लिखे हैं, जिसमें कुछ बहुत ही सरल तथ्य मांगे गए हैं:
- वह IP एड्रेस जहाँ से फॉर्म भरे गए थे।
- वह डिवाइस डेस्टिनेशन पोर्ट जहाँ से आवेदन दाखिल किए गए थे।
- OTP ट्रेल्स, जो कि सबसे महत्वपूर्ण हैं।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग यह जानकारी नहीं दे रहा है क्योंकि ऐसा करने से पता चल जाएगा कि “ऑपरेशन कहाँ किया जा रहा है।”
कांग्रेस नेताओं का समर्थन
राहुल गांधी के आरोपों का समर्थन करते हुए, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा, “यह एक संगठित प्रयास है। यह बहुत स्पष्ट है कि चुनाव आयोग इस प्रयास में शामिल है। राहुल गांधी ने बहुत स्पष्ट रूप से इसका पर्दाफाश किया है।”
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने भी कहा, “कई बार वोट चोरी का प्रमाण हम दे चुके हैं। बार-बार हम सबूत दें और चुनाव आयोग जांच भी न कराए, यह अजीब लगता है।” उन्होंने कहा कि लोगों के मन में यह भ्रांति फैल रही है कि संवैधानिक संस्थाओं को जानबूझकर कमजोर किया जा रहा है।
भाजपा की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा, “राहुल गांधी संविधान समझते हैं? सुप्रीम कोर्ट गए ना? सुप्रीम कोर्ट ने दिशा-निर्देश दिया ना? कोई रोक लगाई क्या? ना कानून समझते हैं ना सुप्रीम कोर्ट के आदेश को समझते हैं, खाली संविधान संविधान किए रहते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि राहुल गांधी जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल करते हैं, उससे देश उन्हें कभी वोट नहीं देगा।