मतदाता अधिकार यात्रा’ के दौरान ‘वोट चोरी’ के आरोपों को लेकर देश में सियासी घमासान छिड़ गया है। बिहार के पटना में ‘ कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भाजपा पर ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाया, तो वहीं उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री ओ.पी. राजभर ने पलटवार करते हुए कांग्रेस को ही इस चलन का जनक बता दिया।
पटना में ‘मतदाता अधिकार यात्रा’ को संबोधित करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), कांग्रेस और शिवसेना से चुनाव को “चोरी किया गया था”। उन्होंने दावा किया कि लोकसभा चुनाव के बाद मतदाता सूची में लगभग एक करोड़ नए मतदाता जोड़े गए, और यह चौंकाने वाला है कि इन सभी नए मतदाताओं के वोट सीधे भाजपा के खाते में चले गए। राहुल गांधी ने आरोप लगाया, “चुनाव आयोग और भाजपा ने मिलकर वोट चोरी की।” उन्होंने आगे कहा कि वोट चोरी का मतलब सिर्फ एक चुनावी धांधली नहीं है, बल्कि यह “अधिकारों, आरक्षण, रोजगार, शिक्षा, लोकतंत्र और युवाओं के भविष्य की चोरी” है।
वहीं, लखनऊ में यात्रा पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री ओ.पी. राजभर ने कांग्रेस पर पलटवार किया। उन्होंने कहा, “वोट चोरी की शुरुआत कांग्रेस ने की।” उन्होंने ऐतिहासिक घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि आज़ादी के बाद प्रधानमंत्री का नाम तय करने के लिए हुए चुनाव में सरदार वल्लभ भाई पटेल को 11 वोट मिले, जबकि कांग्रेस को केवल एक वोट मिला, लेकिन एक वोट पाने वाला ही प्रधानमंत्री बना। उन्होंने डॉ. भीमराव अंबेडकर के साथ महाराष्ट्र चुनाव में हुई 18 हजार वोटों की चोरी और रामपुर में एक हारे हुए प्रत्याशी को जिताने का आरोप भी कांग्रेस पर लगाया। राजभर ने कहा, “वोट चोरी करने वाले लोग आज ड्रामा कर रहे हैं।”
पटना में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मोदी “वोट चोरी के जरिए बिहार में जीतने का प्रयास कर रहे हैं।” उन्होंने लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी और चेतावनी दी कि अगर वे सतर्क नहीं रहे तो ये लोग उन्हें “डुबाएंगे।”