इस साल स्वतंत्रता दिवस समारोह में एक बार फिर राहुल गांधी की अनुपस्थिति चर्चा का विषय बनी हुई है। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष होने के बावजूद राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे लाल किले पर आयोजित मुख्य कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। इस अनुपस्थिति पर बीजेपी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है, जबकि कांग्रेस की तरफ से कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राहुल गांधी के समारोह में शामिल न होने के पीछे पिछले साल के समारोह में हुई ‘सीटिंग अरेंजमेंट’ (बैठने की व्यवस्था) को लेकर नाराजगी को मुख्य कारण माना जा रहा है। पिछले साल, राहुल गांधी, जिन्हें कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त है, उन्हें प्रोटोकॉल के विपरीत पिछली पंक्तियों में बैठाया गया था। कांग्रेस ने तब इस व्यवस्था को अपमानजनक बताया था, हालांकि रक्षा मंत्रालय ने ओलंपिक पदक विजेताओं को जगह देने के लिए ऐसा करने का तर्क दिया था।
इस साल भी राहुल गांधी ने लाल किले के बजाय कांग्रेस के मुख्यालय में पार्टी के ध्वजारोहण समारोह में हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में वह बारिश में भीगते हुए भी नजर आए। दूसरी ओर, बीजेपी प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने राहुल गांधी की अनुपस्थिति को ‘शर्मनाक व्यवहार’ बताते हुए उन पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि यह राष्ट्रीय उत्सव का अपमान है और कांग्रेस को अपनी प्राथमिकताएं तय करनी चाहिए। यह घटना दिखाती है कि राष्ट्रीय समारोहों में भी राजनीतिक खींचतान और प्रोटोकॉल से जुड़े मुद्दे अक्सर चर्चा का केंद्र बन जाते हैं।