एलएंडटी के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन ने पिछले दिनों अपने कर्मचारियों को सप्ताह में 90 घंटे काम करने की सलाह दी थी। इस पर महिंद्रा समूह के चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने कहा कि मेरा कहना है कि हमें काम की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए, काम की मात्रा पर नहीं। यह 40 घंटे या 70 घंटे या 90 घंटे के बारे में नहीं है। अगर यह 10 घंटे भी हैं तो आप क्या आउटपुट दे रहे हैं? आप 10 घंटे में दुनिया बदल सकते हैं? उन्होंने कहा कि मेरा हमेशा से मानना रहा है कि आपकी कंपनी में ऐसे लोग होने चाहिए जो समझदारी से निर्णय लें और समझदारी से चुनाव करें।
सही इनपुट कैसे लाएंगे
महिद्रा ने कहा कि यदि आप घर पर समय नहीं बिताते हैं, यदि दोस्तों के साथ समय नहीं बिताते हैं, पढ़ाई नहीं करते हैं और आपके पास चिंतन करने का समय नहीं है तो आप निर्णय लेने में सही इनपुट कैसे लाएंगे? उन्होंने कहा कि कोई मुझसे पूछे कि मेरे काम की गुणवत्ता क्या है। मुझसे यह मत पूछे कि मैं कितने घंटे काम करता हूं।
यह बोले थे एलएंडटी के चेयरमैन सुब्रह्मण्यन
लार्सन एंड टुब्रो (एलएंडटी) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यन ने सप्ताह में 90 घंटे काम करने की नसीहत दी थी। कर्मचारियों के नाम पर एक वीडियो संदेश में सुब्रमण्यन ने यह तक कह दिया कि रविवार को घर में बैठकर बीवी को निहारने से अच्छा है कि काम करने आ जाओ। उन्होंने कहा कि ईमानदारी से कहूं तो मुझे खेद है कि मैं आपसे रविवार को काम नहीं करवा पा रहा हूं। अगर मैं रविवार को काम करवा पाऊं तो मुझे ज्यादा खुशी होगी। मैं रविवार को भी काम करता हूं। छुट्टी लेने से कर्मचारियों को क्या फायदा होता है। आप घर पर बैठकर क्या करते हैं? आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक निहार सकते हैं? पत्नियां अपने पतियों को कितनी देर तक निहार सकती हैं? ऑफिस जाओ और काम करना शुरू करो।