पुलवामा में 2019 में हुए भयावह आतंकी हमले को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की 131 पन्नों की एक विस्तृत रिपोर्ट में बताया गया है कि इस हमले में इस्तेमाल किए गए इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) का एक महत्वपूर्ण घटक – एल्यूमीनियम पाउडर – ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म Amazon से खरीदा गया था। यह रिपोर्ट आतंक के वित्तपोषण और नए तरीकों का खुलासा करती है, जिसमें ई-कॉमर्स और डिजिटल भुगतान सेवाओं का दुरुपयोग शामिल है।
FATF की रिपोर्ट ने इस बात पर जोर दिया है कि आतंकवादी संगठन अब पारंपरिक तरीकों के बजाय ऑनलाइन माध्यमों का सहारा ले रहे हैं। पुलवामा हमले में Amazon से विस्फोटक सामग्री की खरीद इसका सीधा उदाहरण है। इस एल्यूमीनियम पाउडर का इस्तेमाल धमाके की शक्ति को कई गुना बढ़ाने के लिए किया गया था, जिसके परिणामस्वरूप सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।
रिपोर्ट में 2022 में हुए गोरखनाथ मंदिर हमले का भी जिक्र किया गया है, जहां हमलावर ने ऑनलाइन भुगतान सेवा PayPal के जरिए विदेश से पैसे प्राप्त किए और अपनी पहचान छिपाने के लिए VPN का इस्तेमाल किया। इन दोनों मामलों को उदाहरण के तौर पर पेश करते हुए FATF ने वैश्विक स्तर पर चेतावनी दी है कि ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म और ऑनलाइन भुगतान सेवाओं का दुरुपयोग आतंकवाद को बढ़ावा देने का एक नया और खतरनाक तरीका बन गया है।
FATF ने सभी सदस्य देशों से इन ऑनलाइन गतिविधियों पर कड़ी निगरानी रखने और ऐसे प्लेटफॉर्म के माध्यम से होने वाली संदिग्ध खरीद पर विशेष ध्यान देने का आग्रह किया है।
यह रिपोर्ट दर्शाती है कि आतंकवादी अपनी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किस तरह कर रहे हैं, जिससे उन्हें ट्रैक करना और पकड़ना मुश्किल हो रहा है। भारत लगातार इस बात पर जोर देता रहा है कि पाकिस्तान जैसे कुछ देश आतंकवादियों को प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सहायता प्रदान कर रहे हैं, और FATF की यह रिपोर्ट भारत के इन दावों को और मजबूत करती है।