भ्रष्टाचार विरोधी संस्था लोकपाल द्वारा सात BMW लग्जरी कारें खरीदने के मामले पर शिवसेना (UBT) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने तीखी आलोचना की है। मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि लोकपाल, जिसका गठन देश की जनता के भ्रष्टाचार से थक जाने के बाद हुए एक बड़े आंदोलन के परिणामस्वरूप किया गया था, अब खुद ही भ्रष्टाचार में लिप्त नजर आ रहा है।
चतुर्वेदी ने लोकपाल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा, “आज तक लोकपाल का कोई ऐसा काम सामने नहीं आया जो भ्रष्टाचार को रोकने के लिए किया गया हो।” उन्होंने लोकपाल की विश्वसनीयता पर तंज कसते हुए कहा कि अब यह लोकपाल नहीं, बल्कि ‘जोकपाल’ बनकर रह गया है।
सांसद ने लोकपाल के इस कदम को केंद्र सरकार की नीतियों के विपरीत बताया। उन्होंने कहा कि एक तरफ प्रधानमंत्री मोदी स्वदेशी खरीदने पर बल दे रहे हैं, वहीं लोकपाल जैसी महत्वपूर्ण संस्था विदेशी लग्जरी गाड़ियों (BMW) का टेंडर निकाल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए बनी संस्था अब खुद ही भ्रष्टाचार में लिप्त है, जिससे इसका मूल उद्देश्य विफल हो गया है। चतुर्वेदी ने इस खरीद को सरकारी धन का दुरुपयोग बताया और पूरे मामले की जाँच की मांग की।