अप्रैल का महीने जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे गर्मी का सितम भी तेज हो रहा है। ऐसे में मार्केट में चॉकलेट, आइसरासिम और केक की डिमांड भी बढ़ रही है। लेकिन अब इसके लिए आपको अधिक दाम चुकाने पड़ सकते हैं। कोको की आसमान छूती कीमतों का असर अब चॉकलेट वाले प्रोडक्ट्स पर दिखने वाला है। न केवल चॉकलेट निर्माता बल्कि ठेपरी दिशाज अमूत्, आइसक्रीम ब्रांड बास्किन रॉबिंस और यहां तक कि स्नैक्स बनाने वाली और अन्य कंपनियों को कोकों की ऊंची कीमतों का असर महसूस होने लगा है। अमूल ब्रांड के मालिक गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के एमडी जयेन मेहता ने टीओआई को बताया कि अमूल अपने चॉकलेट की कीमत 10 से 20% तक बढ़ाने पर विचार कर रहा है।
क्या बोले एमडी ?
एमडी जायेन मेहता ने कहा, “भारत में एक किलोग्राम कोको बीन्स की कीमत 150 से 250 रुपये से बढ़कर 800 रुपये हो गई है। डार्क चॉकलेट क्षेत्र में हमारी सबसे बड़ी बाजार हिस्सेदारी है, जिसमें कोकोआ बटर को एक प्रमुख घटक के रूप में यूज किया जाता है। यह वृद्धि लगभग दो महीने में लागू की जाएगी।अमूल ने फिलहाल आइसक्रीम और पेय पदार्थों की कीमतें बरकरार रखी है, उसे नहीं लगता कि चॉकलेट की ऊंची कीमतें उसकी बाजार हिस्सेदारी को कम करेंगी। मेहता ने कहा, “आइसक्रीम जैसे मौसमी प्रोडक्ट की कीमतें बढ़ाना बहुत आसान नहीं है।”
क्या है रणनीति
अमेरिकी आइसक्रीम ब्रांड बास्किन रॉबिंस भी कोको की कीमतों में आई गर्मी से प्रभावित है। भारत में बास्किन रॉबिंस के मास्टर मैन्चाइज अधिकार रखने वाले घेविस फूड्स के सीईओ मोहित खट्टर ने कहा, कई कोको बेस्ड प्रोडक्ट की कीमतें पहले की तुलना में 70-80% तक बढ़ गई हैं।
अमूल ने बढ़ोतरी की योजना बनाई
अमूल, बास्किन रॉबिंस और हैवमोर आइसक्रीम कोको की कीमत में वृद्धि को अलग-अलग तरीके से निपट रहे हैं। हालांकि, अमूल ने कीमतों में बढ़ोतरी की योजना बनाई है, बास्किन रॉबिंस और हैवमोर आइसक्रीम का लक्ष्य रणनीतिक उपायों का लाभ उठाते हुए कोको की बढ़ी हुई लागत के बावजूद कीमतेंर्ते स्थिर रखना है।