पहलगाम हमले के मद्देनजर आज बड़ी बैठक होने वाली है। सुबह 11 बजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, पीएम मोदी से मुलाकात करेंगे और घटना से जुड़ी अब तक की सारी जानकारी देंगे। वहीं यह खबर सामने आई है कि आगामी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल हिस्सा नहीं लेंगे। इस खबर ने राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है। ब्रिक्स शिखर सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच है, जहां ब्रिक्स देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) के नेता वैश्विक मुद्दों पर चर्चा करते हैं और आपसी सहयोग को बढ़ावा देते हैं। जयशंकर और डोभाल की अनुपस्थिति को भारत की विदेश नीति के संदर्भ में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस अनुपस्थिति के पीछे विभिन्न कारणों की चर्चा है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह भारत की व्यस्त कूटनीतिक गतिविधियों का नतीजा है, जबकि अन्य इसे भारत की रणनीतिक प्राथमिकताओं में बदलाव का संकेत मानते हैं। आगामी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन 6-7 जुलाई, 2025 को रियो डी जनेरियो, ब्राजील में आयोजित किया जाएगा।
प्रतिनिधिमंडल भेजने की उम्मीद
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि भारत ब्रिक्स का एक महत्वपूर्ण सदस्य है और इस समूह के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है। जयशंकर और डोभाल की अनुपस्थिति के बावजूद, भारत सरकार द्वारा शिखर सम्मेलन में एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल भेजने की उम्मीद है। यह घटनाक्रम भारत की विदेश नीति और ब्रिक्स के भविष्य पर इसके प्रभाव के बारे में कई सवाल खड़े करता है। आने वाले समय में, यह देखना दिलचस्प होगा कि यह अनुपस्थिति भारत-ब्रिक्स संबंधों को कैसे प्रभावित करती है।
क्या कुछ बड़ा होने वाला है
जिस तरह से पीएम मोदी ने दूसरी बार दोहराया है कि आतंक के आकाओं को सबक सिखाएंगे, उससे स्पष्ट संदेश है कि पहलगाम का बदला जरूर लिया जाएगा। अब देखना होगा कि भारत कब पलटवार करता है और आतंकिया और उसके सरपरस्तों को नेस्तनाबूत करता है।