प्रयागराज के महाकुंभ में श्रद्धालु पावन स्नान के लिए पहुंच रहे हैं। त्रिवेणी संगम में श्रद्धालुओं की भीड़ लगी है। 12 फरवरी को माघी पूर्णिमा होने के कारण फिर से महाजाम के हालात बन गए हैं। मौनी अमावस्या में भारी भीड़ और भगदड़ के कारण 30 से ज्यादा लोग मारे गए थे। अब प्रशासन एहतियात बरत रहा है कि दोबारा ऐसा न हो। यही वजह है कि जिन राज्यों की सीमाएं उप्र के प्रयागराज से मिलती हैं, उन पर पहरा है और उतने ही लोगों या वाहनों को जाने दिया जा रहा है, जितना दबाव प्रयागराज में झेला जा सके। ऐसे में प्रयागराज संगम स्टेशन को भी बंद कर दिया गया है।
नेशनल हाईवे में फंसे लाखों लोग
मप्र के एनएच 30 में जाम के हालात हैं। सिवनी से लेकर कटनी और रीवा तक लाखों वाहन फंसे हुए हैं। ये सभी प्रयागराज महाकुंभ जाना चाहते हैं। जाम में फंसे लाखों लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। कई वाहन तो 8 से 12 घंटे तक जाम में फंसे हु हैं। ऐसे में खाने-पीने के सामान की भारी किल्लत हो रही है। किसी को 20 रुपए की पानी की बोतल 50 रुपए में खरीदनी पड़ रही है होटल, ढाबों और रेस्टॉरेन्ट में खाने के रेट बढ़ गए हैं। इससे श्रद्धालुओं की मुसीबत और बढ़ गई। जाम इतना विकराल है कि कई श्रद्धालु किसी तरह रास्ते से वापस लौट गए हैं। जबलपुर-कटनी मार्ग को कल बंद कर दिया गया था। रीवा के चाकघाट पर भी भारी वाहन जमा हो गए हैं।
रंग-कोडित यात्री आश्रय शेड से प्रवेश करना होगा
उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने कहा कि हम पूर्णिमा स्नान की व्यवस्था कर रहे हैं। आज से प्रयागराज संगम स्टेशन को बंद कर दिया है। सामान्य श्रेणी के यात्रियों को प्रयागराज जंक्शन पर रंग-कोडित यात्री आश्रय शेड से प्रवेश करना होगा। आरक्षित श्रेणी के यात्रियों को गेट नंबर 5 से प्रवेश करना होगा। उन्होंने कहा कि यह व्यवस्था यह सुनिश्चित करने के लिए की गई है कि किसी भी यात्री को कोई असुविधा न हो। ये प्रोटोकॉल आज से लागू हो गए हैं।