प्रयारागराज महाकुंभ 2025 शुरू हो गया है। इसी के साथ 45 दिन तक श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में पवित्र डुबकी लगाएंगे। प्रयागराज में आस्था का ऐसा महासागर उमड़ा है कि हर तरफ लोग ही लोग नजर आ रहे हैं। 144 वर्षों में केवल एक बार होने वाला एक दुर्लभ खगोलीय संयोग इस वर्ष महाकुंभ की विशेषता को और बढ़ा रहा है। ऐतिहासिक रूप से त्रिवेणी संगम पर आयोजित होने वाले महाकुंभ में इस बार अद्भुत व्यवस्थाएं भी हैं। विदेशों से भी श्रद्धालु यहां पहुंच रहे हैं। रूस से आई एक श्रद्धालु ने कहा कि मेरा भारत महान। भारत एक महान देश है। हम पहली बार कुंभ मेले में आए हैं और यहां हम असली भारत को देख सकते हैं। उन्होंने कहा कि असली शक्ति भारत के लोगों में निहित है और मुझे भारत से प्यार है।
जर्मनी से प्रयागराज पहुंचे जितेश
मैसूर के मूल निवासी और अब जर्मनी में रह रहे जितेश प्रभाकर अपनी पत्नी सास्किया नॉफ और एक बच्चे आदित्य के साथ महाकुंभ 2025 में पहुंचे हैं। जितेश ने कहा कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मैं भारत में रहता हूं या विदेश में, जुड़ाव होना चाहिए। मैं हर दिन योग का अभ्यास करता हूं। व्यक्ति को जमीन से जुड़े रहना चाहिए और हमेशा अपने भीतर की यात्रा करने की कोशिश करनी चाहिए। वहीं सास्किया नॉफ ने बताया कि मैं बहुत उत्साहित हूं। मुझे यहां आना हमेशा अच्छा लगता है।
भारत दुनिया का आध्यात्मिक हृदय
प्रयागराज महाकुंभ2025 में शामिल हुए ब्राजील के श्रद्धालु फ्रांसिस्को ने बताया कि मैं योग का अभ्यास करता हूं और मोक्ष की खोज कर रहा हूं। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का आध्यात्मिक हृदय है। यहां संगम का पानी ठंडा है लेकिन हृदय गर्मजोशी से भरा है।