उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होने जा रहा महाकुंभ 2025 इस बार खास होगा। दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक समागम को यादगार बनाने के लिए योगी सरकार ने पूरी तैयारियां कर ली हैं। संगम स्थल के साथ ही आसपास कई प्रमुख कार्यों का विकास किया जाना प्रस्तावित है। ये सभी कार्य पर्यटकों के लिए महाकुंभ को खास बना देगा। हनुमान मंदिर स्थली पर रेनोवेशन किया जा रहा है, जबकि रोपवे परियोजना की भी जल्द शुरुआत होने जा रही है। डिजिटल कुंभ म्यूजियम का भी निर्माण कार्य भी प्रस्तावित है। सरकार ने दिसंबर 2024 तक कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। अगर सबकुछ सही रहा तो महाकुंभ के महाआयोजन को यहां आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए यादगार बना दिया जाएगा।
कुंभ के स्वर्णिम अतीत के डिजिटल दर्शन
अरैल मार्ग पर 40 हजार स्क्वायर मीटर के प्रस्तावित क्षेत्रफल में डिजिटल कुंभ म्यूजियम बनाने का काम शुरू हो गया है। डिजिटल कुंभ म्यूजियम के लिए ईओआई को प्रयागराज विकास प्राधिकरण ने आमंत्रित किया है। 2 बिडर ने योजना प्रस्तुत की है। डिजिटल कुंभ म्यूजियम में वीआर के माध्यम से अखाड़ों, समुद्र मंथन से संबंधित गैलरी का विकास, त्रिवेणी संगम गैलरी के साथ ही कुंभ के इतिहास और अध्यात्म को दर्शाती गैलरी का निर्माण होगा। कुंभ की उत्पत्ति और पौराणिक गाथाओं से जुड़ी गैलरी, कुंभ मेला गैलरी का ऐतिहासिक विकास, प्रयागराज कुंभ मेला गैलरी, सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व गैलरी, 21वीं सदी में कुंभ मेला, हरिद्वार-नासिक-उज्जैन कुंभ मेला गैलरी आदि का भी विकास किया जाएगा। पार्किंग सुविधाओं, सांस्कृतिक हाट, फूड प्लाजा, भूदृश्य आदि का भी विकास किया जा रहा है।
रोपवे दिसंबर तक होगा पूरा, सभी तैयारियां हो चुकीं
प्रयागराज में संगम तक श्रद्धालुओं की पहुंच को और आसान बनाने के लिए रोपवे का भी निर्माण किया जाना है। संगम के पास बांध पर शंकर विमान मंडपम से लेकर अरैल के त्रिवेणी पुष्प तक 1281.5 मीटर लंबे और 62 मीटर ऊंचे रोपवे प्रोजेक्ट मूर्तरूप लेने वाला है। इसे दिसंबर, 2024 तक पूर्ण किया जाना है। फरवरी 2024 में रक्षा मंत्रालय ने एनओसी भी प्रदान कर दी है। रक्षा मंत्रालय की ओर से भूमि हस्तांतरित करने के लिए आर्मी मुख्यालय को निर्देशित किया गया है। सीवरेज, यूटिलिटी शिफ्टिंग, ट्री फेलिंग का कार्य प्रगति पर है।