उत्तर प्रदेश के अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में गंगा दशहरा के पावन अवसर पर एक महत्वपूर्ण धार्मिक आयोजन होने जा रहा है। इस शुभ अवसर पर मंदिर परिसर के भीतर बनाए गए 14 देवालयों में एक साथ मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। यह समारोह हिंदू धर्म में गंगा दशहरा के महत्व को और भी बढ़ा देगा। 5 जून को होने वाला प्राण प्रतिष्ठा का यह पवित्र अनुष्ठान विद्वान आचार्यों के मार्गदर्शन में संपन्न होगा। इस महत्वपूर्ण कार्य के लिए 101 प्रतिष्ठित आचार्यों का चयन किया गया है, जो वैदिक मंत्रोच्चारण और विधि-विधान के साथ इस प्रक्रिया को पूर्ण करेंगे। समारोह की शुरुआत भगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग की प्रतिष्ठा के साथ होगी, जिसे अत्यंत शुभ माना जाता है।
तैयारियों में जुटा ट्रस्ट
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट इस भव्य आयोजन की तैयारियों में जुटा हुआ है। मंदिर परिसर को विशेष रूप से सजाया जा रहा है और श्रद्धालुओं के लिए आवश्यक व्यवस्थाएं की जा रही हैं। गंगा दशहरा के दिन बड़ी संख्या में भक्तों के अयोध्या पहुंचने की उम्मीद है, जो इस ऐतिहासिक और आध्यात्मिक क्षण के साक्षी बनेंगे। यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह श्रीराम जन्मभूमि मंदिर के पूर्ण स्वरूप को आकार देने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है। 14 देवालयों में विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियों की स्थापना से मंदिर परिसर और अधिक जीवंत और आध्यात्मिक ऊर्जा से परिपूर्ण हो जाएगा।
22 जनवरी, 2024 को हुई थी रामलला की प्राण प्रतिष्ठा
22 जनवरी, 2024 को अयोध्या में राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य समारोह हुआ था। इस ऐतिहासिक अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। पूरे देश में इस घटना को लेकर उत्साह और भक्ति का माहौल था।