पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी इन दिनों सुर्खियों में हैं। उनकी ब्रिटेन यात्रा और इंग्लैंड के एक कॉलेज में उनके विरोध पर राजनीति गर्मा गई है। उनके खिलाफ गो बैक के नारे लगे। इस पर टीएमसी सांसद डोला सेन ने कहा कि वे लोग भाजपा या सीपीएम की ओर से हो सकते हैं। ममता बनर्जी बहुत उदार और दयालु थीं और उस दौरान उन्होंने कहा कि प्रदर्शन करने वाले छात्रों को बोलने दीजिए, प्रजातंत्र है। उन्होंने स्थिति को बहुत अच्छे से संभाला। कहीं कोई समस्या नहीं है।
बदनाम करना है उद्देश्य
भाजपा सांसद समिक भट्टाचार्य ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की ब्रिटेन यात्रा और इंग्लैंड के एक कॉलेज में उनकी टिप्पणी पर कहा कि हमारी राजनीति में देश प्रथम है। ममता बनर्जी ने वहां जो-जो बात कही है उसे लेकर भारत के लोगों के मन में कोई प्रतिष्ठा नहीं है। भाजपा सांसद दिनेश शर्मा ने कहा कि देश के बाहर जाकर देश को बदनाम करना केवल इन्हीं 2-4 दलों द्वारा किया जा सकता है। कोई राष्ट्रभक्त व्यक्ति इस तरह का आचरण नहीं अपना सकता है।
राहुल गांधी की तरह है देश विरोधी एजेंडा
भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि राहुल गांधी की तरह ममता बनर्जी भी वहां भारत विरोधी एजेंडे के साथ गई थीं। ममता बनर्जी जैसे लोगों की राजनीति इस पर है कि कैसे बांग्लादेशियों को बंगाल और देश में घुसने दिया जाए, कैसे उन्हें आधार कार्ड दिए जाएं। उन्होंने वहां दिखा दिया है कि वह भारत विरोधी हैं।
कुर्सी बनी रहे बस
भाजपा सांसद खगेन मुर्मू ने आव्रजन और विदेशी विधेयक, 2025 पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर कह कि ममता बनर्जी का एक ही लक्ष्य है कि कैसे उनकी कुर्सी बनी रहे। वे अर्थव्यवस्था के बारे में कुछ नहीं सोचती हैं बल्कि केवल अपनी कुर्सी के बारे में सोचती हैं। बांग्लादेश से घुसपैठियों को घुसाकर फर्जी पहचान पत्र बनाए जा रहे हैं। पश्चिम बंगाल की जनता के लिए केंद्र सरकार से जो भी आर्थिक सहयोग मिल रहा है उसे कैसे लूटा जाए, उनका एक ही लक्ष्य है।