फिल्म छावा के रिलीज होने के साथ ही औरंगजेब की चर्चाएं फिर होने लगी हैं। समाजवादी पार्टी विधायक अबु आजमी ने इस चर्चा को और हवा दे दी। उन्होंने कहा था कि औरंगजेब एक क्रूर, अत्याचारी या असहिष्णु शासक नहीं था। उसके शासनकाल में देश एक वैश्विक आर्थिक महाशक्ति बना था। आजमी ने औरंगजेब को एक सफल शासक बताया था। इसके बाद नेता नवनीत राणा ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद जिले के खुलदाबाद में स्थित औरंगजेब की कब्र को ढहाने की मांग उठा दी। इस पर शिवाजी महाराज के 13वें वंशज सतारा शाही परिवार के छत्रपति उदयनराजे भोसले ने मांग की थी कि कब्र को गिरा दिया जाए। उन्होंने कहा कि जो लोग औरंगजेब की कब्र पर जाते हैं, उन्हें वह कब्र अपने घर ले जानी चाहिए। अब औरंगजेब के महिमामंडन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
फडणवीस बोले-कानूनन करेंगे कार्रवाई
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने औरंगजेब की कब्र को लेकर कहा कि यह सवाल केवल उनकी सरकार का नहीं, बल्कि सभी लोगों का है कि औरंगजेब की कब्र हटाई जानी चाहिए। उन्होंने हालांकि यह भी स्पष्ट किया कि इस मामले में कानून के हिसाब से करना होता है। यह कब्र कांग्रेस के शासनकाल में संरक्षित की गई थी और उस समय से ही भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का संरक्षण प्राप्त है।
संभाजी महाराज की करवाई थी हत्या
छत्रपति शिवाजी महाराज के पुत्र संभाजी महाराज को औरंगजेब ने गिरफ्तार कर बेरहमी से प्रताडि़त करके मार डाला गया था। औरंगजेब ने संभाजी महाराज के साथ बेहद क्रूरता बरती। इसके बाद भी वह मराठी साम्राज्य को हिला नहीं पाया था। औरंगजेब की कब्र छत्रपति संभाजी नगर (पूर्व में औरंगाबाद) के खुलदाबाद में स्थित है। छठे मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र दरगाह परिसर में है।
मेंटेनेंस पर 6.5 लाख खर्च
एक आरटीआई के तहत यह जानकारी सामने आई कि औरंगजेब की कब्र के रखरखाव पर केंद्रीय पुरातत्व विभाग ने 2011 से 2023 तक लगभग 6.5 लाख रुपये खर्च किए हैं। दूसरी ओर सिंधु दुर्ग किले पर स्थित राज राजेश्वर मंदिर के रखरखाव के लिए सालभर में केवल 6 हजार रुपये दिए जा रहे हैं।