उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफा देने से भारतीय राजनीति में बड़ी हलचल मच गई है। 21 जुलाई 2025 को आए इस अप्रत्याशित घटनाक्रम के बाद अब अगले उपराष्ट्रपति के नाम को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। विभिन्न राज्यों और राजनीतिक हलकों से कई नामों की चर्चा चल रही है, लेकिन इनमें से एक प्रमुख नाम जो तेजी से सामने आ रहा है, वह है बिहार के मौजूदा राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का।
आरिफ मोहम्मद खान एक अनुभवी राजनेता, विद्वान और प्रखर वक्ता के रूप में जाने जाते हैं। उनका राजनीतिक करियर लंबा और विविध रहा है। वह पहले कांग्रेस में थे और राजीव गांधी सरकार में मंत्री भी रहे, लेकिन शाह बानो मामले पर मतभेदों के चलते उन्होंने 1986 में पार्टी छोड़ दी थी। बाद में वह भाजपा में शामिल हुए और वर्तमान में बिहार के राज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं।
राजनीतिक विश्लेषक आरिफ मोहम्मद खान के नाम की चर्चा कई कारणों से कर रहे हैं:
- अनुभवी राजनेता: उनके पास दशकों का राजनीतिक अनुभव है, जिसमें संसदीय कार्यप्रणाली की गहरी समझ भी शामिल है, जो उपराष्ट्रपति के रूप में राज्यसभा के सभापति के लिए आवश्यक है।
- सर्वमान्य चेहरा: उनकी छवि एक ऐसे नेता की है जो विभिन्न विचारधाराओं के लोगों के बीच स्वीकार्य हैं। शाह बानो मामले पर उनके रुख ने उन्हें एक प्रगतिशील मुस्लिम चेहरा बनाया है, जिसे भाजपा अक्सर रेखांकित करती है।
- उत्तर भारत से जुड़ाव: बिहार के राज्यपाल होने के नाते उनका उत्तर भारत से सीधा जुड़ाव है, जो राजनीतिक संतुलन बनाने में मददगार हो सकता है।
- बेदाग छवि: उनका राजनीतिक करियर काफी हद तक विवादों से परे रहा है, जो उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद के लिए एक महत्वपूर्ण गुण है।
- विद्वत्ता और वाक्पटुता: वह अपनी विद्वत्ता और प्रभावी वाक्पटुता के लिए जाने जाते हैं, जो राज्यसभा की कार्यवाही का संचालन करने के लिए आवश्यक है।
हालांकि, यह अभी केवल अटकलें हैं और भाजपा नेतृत्व ने अभी तक इस पद के लिए किसी नाम की आधिकारिक घोषणा नहीं की है। अगले कुछ दिनों में जैसे-जैसे चुनाव आयोग द्वारा उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया शुरू की जाएगी, स्थिति और स्पष्ट होगी। लेकिन फिलहाल, बिहार के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान का नाम इस दौड़ में एक मजबूत दावेदार के तौर पर देखा जा रहा है।