केंद्र सरकार की पहल ‘संचार साथी’ ऐप को लेकर संसद और दिल्ली की राजनीति में तीखी बहस छिड़ गई है। केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया इसे आम जनता को साइबर फ्रॉड से बचाने का एक आवश्यक उपकरण बता रहे हैं, जबकि कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने इसे देश को एक ‘जासूसी तंत्र’ में बदलने की कोशिश करार दिया है।
सिंधिया: ‘यह फ्रॉड के कैंसर से बचाने वाला ऐप है’
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने ‘संचार साथी’ ऐप का बचाव करते हुए कहा कि इस पहल का एकमात्र उद्देश्य आम जनता की सुरक्षा है।
सिंधिया ने कहा कि यह ऐप आम जनता को “फ्रॉड के कैंसर” से बचाने के लिए लाया गया है। उन्होंने आंकड़ा देते हुए बताया कि पिछले वर्ष ₹22,800 करोड़ का बड़ा फ्रॉड हुआ था।
उन्होंने ज़ोर दिया कि जब हर तरफ से आम जनता को फ्रॉड से बचाने की मांग की जाती है, तो ‘संचार साथी’ ऐप ही उन्हें बचाने का तंत्र है। उन्होंने इसके सभी आंकड़े संसद के समक्ष रखे हैं।
सिंधिया ने फीडबैक को लेकर लचीला रुख दिखाया। उन्होंने कहा, “मैंने फिर भी कहा है कि जो फीडबैक मिला है, उसके आधार पर संशोधन करने की ज़रूरत है, तो हम लोग करने के लिए तैयार हैं… हमारा जनता की सुरक्षा ही दायित्व है।”
सुरजेवाला: ‘पूरे देश को जासूसी तंत्र में बदला जा रहा है’
वहीं, कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने ‘संचार साथी’ पहल पर गंभीर आरोप लगाते हुए इसे नागरिकों की निजता (Privacy) पर हमला बताया है।
- सुरजेवाला ने कहा कि संचार साथी के माध्यम से पूरे देश को “एक जासूसी तंत्र” में बदला जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने हर सेलफोन निर्माता और आयातक को इस ऐप को अनिवार्य तौर पर अपलोड करने का निर्देश दिया है।
- उन्होंने दावा किया कि मौजूदा स्मार्टफोनों में भी सॉफ़्टवेयर अपग्रेड के माध्यम से यह ऐप अपलोड किया जा रहा है, जिसे न अमेंड किया जा सकता है न डिलीट किया जा सकता है।
- सुरजेवाला के अनुसार, इसका प्रभाव यह होगा कि सरकार अब हर स्मार्टफोन और सेलफोन यूज़र के लोकेशन को ट्रैक कर सकती है, उनकी सारी बातचीत सुन सकती है, उन्हें पता होगा कि आपने क्या खरीदा और यहाँ तक कि उन्हें फोटो का एक्सेस भी होगा।
- उन्होंने चेतावनी दी कि अगर किसी विदेशी हैकर या एजेंसी ने इस ऐप को हैक कर लिया, तो सबका डाटा लीक हो जाएगा। सुरजेवाला ने यह भी सवाल उठाया कि यह सब किस कानून के तहत किया जा रहा है, और उन्होंने सरकार से इस पर जवाबदेही की मांग की है।


