तमिलनाडु में बीजेपी और एआईएडीएमके का गठबंधन हो गया है और इसका असर दिल्ली में भी दिखाई देगा। एआईएडीएमके के साथ आने से राज्यसभा में एनडीए का बहुमत मिल गया है। एनडीए उच्च सदन में आसानी से विधेयक पास करा सकेगी। राज्यसभा में एनडीए की ताकत और बढ़ गई है और आने वाले समय में सरकार और मजबूत होगी। अब राज्यसभा में सत्तारूढ़ गठबंधन मनोनीत सदस्यों के समर्थन को शामिल किए बिना ही पूर्ण शक्ति वाले सदन राज्यसभा में बहुमत सुनिश्चित कर लिया है।
हरियाणा के निर्दलीय सांसद का भी साथ
सत्तारूढ़ गठबंधन के पास पहले से ही राज्यसभा में बहुमत था। वर्तमान में 236 सदस्य हैं और नौ रिक्त हैं। हाल ही में सदन ने वक्फ संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी, जबकि एआईएडीएमके ने विधेयक के खिलाफ मतदान किया था। उच्च सदन में एनडीए की ताकत 119 है। हरियाणा से एक स्वतंत्र सांसद कार्तिकेय शर्मा का समर्थन भी शामिल है। शर्मा ने बीजेपी के समर्थन से चुनाव जीता था। एनडीए में अब 4 एआईएडीएमके सांसदों के समर्थन के साथ एनडीए गठबंधन की ताकत 123 हो जाएगी। जब उच्च सदन 245 की अपनी पूरी ताकत हासिल कर लेगा, तब भी सत्तारूढ़ गठबंधन बहुमत में होगा। एनडीए को छह मनोनीत सदस्यों के समर्थन की भी आवश्यकता है, इसलिए प्रभावी संख्या 125 है।
भाजपा के 98 सदस्य
भाजपा के पास राज्यसभा में दो मनोनीत सदस्यों सहित 98 सदस्य हैं। अन्य सहयोगियों में जेडीयू के 4, एनसीपी के तीन, टीडीपी के दो, शिवसेना, एजीपी, पीएमके, आरएलडी, आरएलएम, तमिल मनीला कांग्रेस (मूपनार), एनपीपी, जेडीएस, आरपीआई (अठावले), यूपीपीएल और एमएनएफ के एक-एक सदस्य हैं।