बिहार विधानसभा चुनाव के बाद जारी हुए अधिकांश एग्जिट पोल में एनडीए (NDA) को बहुमत मिलने का अनुमान जताया गया है। इन रुझानों पर महागठबंधन (कांग्रेस-राजद) और भाजपा दोनों की तरफ से विपरीत प्रतिक्रियाएं आई हैं।
महागठबंधन का दावा: एग्जिट पोल होंगे गलत साबित
राजद और कांग्रेस ने एग्जिट पोल के अनुमानों को सिरे से खारिज कर दिया है। उनका मानना है कि वास्तविक नतीजे महागठबंधन के पक्ष में आएंगे।
- राजद-कांग्रेस की प्रतिक्रिया:
- राजद के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद प्रो. मनोज झा ने एग्जिट पोल को “बाजार का खेल” और “मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने का प्रयास” करार दिया है।
- उन्होंने दावा किया है कि तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है और एग्जिट पोल के आंकड़े 14 नवंबर को गलत साबित होंगे।
- राजद नेताओं ने कहा कि वे एग्जिट पोल के अनुमानों पर नहीं, बल्कि 90,700 बूथों से कार्यकर्ताओं द्वारा मिले फीडबैक को सही मानते हैं, जिसमें बदलाव की लहर साफ दिख रही थी।
- कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भी महागठबंधन की जीत का विश्वास व्यक्त करते हुए एग्जिट पोल पर टिप्पणी करने से इनकार किया, हालांकि उन्होंने यह गंभीर आरोप भी लगाया कि “बिहार सबक सिखाएगा क्योंकि उसके वोट के अधिकार के साथ छेड़छाड़ की गई है।”
- राजद के एक अन्य नेता ने एग्जिट पोल को “झूठे, मनगढ़ंत और भाजपा प्रायोजित” बताया, जिसका उद्देश्य प्रशासनिक अधिकारियों पर दबाव बनाना है।
भाजपा का विश्वास: विकास पर जनता की मुहर
एग्जिट पोल के अनुमानों से उत्साहित भाजपा और एनडीए के नेताओं ने इन रुझानों को राज्य की जनता की मुहर बताया है।
- भाजपा का मानना है कि एग्जिट पोल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के विकास कार्यों और सुशासन के प्रति जनता के विश्वास को दर्शाया है।
- राज्य के मंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) के नेता संतोष सुमन ने कहा कि एनडीए भारी बहुमत से सरकार बना रही है, और उन्हें एग्जिट पोल के अनुमानों से भी कहीं ज्यादा सीटें मिलेंगी।
- एनडीए नेताओं का मानना है कि उच्च मतदान (रिकॉर्ड 66.91%) और विशेष रूप से महिला मतदाताओं की अधिक भागीदारी (71.6%) एनडीए की योजनाओं और सुरक्षा पर जनता के भरोसे का संकेत है।
अंतिम परिणाम 14 नवंबर को मतगणना के बाद ही स्पष्ट होंगे, जिससे यह तय होगा कि एग्जिट पोल के अनुमान सही साबित होते हैं या महागठबंधन का दावा।


