देशभर में 21 अक्टूबर को ‘पुलिस स्मृति दिवस’ मनाया गया, इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय पुलिस स्मारक, चाणक्यपुरी, नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया और देश के लिए सर्वोच्च बलिदान देने वाले बहादुर पुलिसकर्मियों को श्रद्धांजलि दी।
राजनाथ सिंह का संबोधन: अपने संबोधन में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय सुरक्षा में पुलिस और सेना की भूमिका को एक जैसा बताया। उन्होंने कहा कि “चाहे मंच अलग हों, लेकिन बात अगर राष्ट्रीय सुरक्षा की हो तो सेना और पुलिस दोनों का मिशन एक ही है, दोनों की भूमिका एक जैसी ही है।” उन्होंने कहा कि चाहे दुश्मन सीमा पार से आए या हमारे बीच छिपा हो, भारत की सुरक्षा के लिए खड़े होने वाला हर जवान एक ही भावना का प्रतिनिधित्व करता है।
पुलिस की बदलती छवि: राजनाथ सिंह ने इस बात पर जोर दिया कि पुलिस को अब न केवल अपराध से, बल्कि अपनी छवि से भी लड़ना पड़ता है। उन्होंने संतोष व्यक्त किया कि पुलिस बल अपनी आधिकारिक और नैतिक दोनों जिम्मेदारियों का पालन कर रहा है, जिससे जनता में यह भरोसा है कि मुश्किल समय में पुलिस उनके साथ खड़ी होगी। उन्होंने पुलिस बल को उनके बलिदान, समर्पण और सेवा के लिए धन्यवाद दिया और कहा कि देश को उन पर गर्व है।
राष्ट्रीय पुलिस स्मारक की स्थापना: रक्षा मंत्री ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पुलिस के योगदान को लंबे समय तक वह सम्मान नहीं मिल सका, जिसके वे हकदार थे। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2018 में राष्ट्रीय पुलिस स्मारक की स्थापना एक बड़ा कदम था, जो पुलिस के बलिदान को याद रखने के लिए उठाया गया। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि आंतरिक और बाहरी खतरों से मजबूती से निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल और समन्वय आवश्यक है।
प्रधानमंत्री मोदी का ट्वीट: इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट कर पुलिसकर्मियों के साहस को सलाम किया। उन्होंने लिखा, “पुलिस स्मृति दिवस पर, हम अपने पुलिसकर्मियों के साहस को सलाम करते हैं और कर्तव्य पालन में उनके सर्वोच्च बलिदान को याद करते हैं। उनका दृढ़ समर्पण हमारे राष्ट्र और लोगों को सुरक्षित रखता है। संकट और ज़रूरत के समय में उनकी बहादुरी और प्रतिबद्धता सराहनीय है।”
पुलिस स्मृति दिवस हर साल 21 अक्टूबर को 1959 की उस घटना की याद में मनाया जाता है, जब लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स में चीनी सेना के हमले में 10 भारतीय पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। यह दिन पुलिस बलों के बलिदान और राष्ट्र के प्रति उनके योगदान को समर्पित है।