नागपुर आरएसएस का मुख्यालय है और भाजपा के कई बड़े नेता यहां का दौरान करते रहते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी महीने के अंत में यहां का दौरा करने वाले हैं। पीएम मोदी के इस दौरे पर राजनीतिक हलकों में कड़ी नजर है। उनकी यात्रा 30 मार्च को निर्धारित है। वे नागपुर में आरएसएस समर्थित पहल माधव नेत्र अस्पताल की आधारशिला रखेंगे। उद्घाटन समारोह में वे आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के साथ मंच साझा करेंगे। यह 2014 के बाद तीसरा और 2024 के लोकसभा चुनावों के बाद पहला मौका हो सकता है, जब मोदी और भागवत मंच साझा करेंगे। मोदी के नागपुर के रेशम बाग में आरएसएस मुख्यालय जाने की संभावना है। ऐसा हुआ तो यह पहली बार होगा, जब देश का कोई प्रधानमंत्री आरएसएस के हेडक्वॉर्टर में जा रहे हैं।
भागवत-मोदी में बैठक होने की उम्मीद
प्रधानमंत्री बनने के बाद पहली बार है, जब पीएम मोदी आरएसएस के किसी दफ्तर में जाएंगे। मोदी और भागवत के बीच आमने-सामने की बैठक होने की उम्मीद है। भाजपा ने अभी तक अपने अगले अध्यक्ष की घोषणा नहीं की है। ऐसे में इस मुद्दे पर भी चर्चा हो सकती है।
रिश्ते सुधारने की कवायद
पिछले एक महीने में मोदी ने बार-बार अपने जीवन पर आरएसएस के प्रभाव के बारे में बात की है। मोदी ने इसे महान संगठन और दुनिया का सबसे बड़ा संगठन तक करार दिया है। दरअसल 2025 के लोकसभा चुनाव में आरएसएस से तनातनी का खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ा था और पार्टी 240 सीटों पर अटक गई। इसके बाद मोहन भागवत ने भी सत्ताधारियों को सीख दी थी कि ज्यादा अहंकार ठीक नहीं। इसके बाद से भाजपा ने आरएसएस से रिश्ते सुधारे और 3 राज्यों के चुनाव में शानदार जीत दर्ज की। अब पीएम मोदी आरएसएस से रिश्ते सुधारकर तालमेल को बनाए रखना चाहते हैं।