तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी अपनी पहली आधिकारिक यात्रा पर अपने दोस्त रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मिलने के लिए मास्को जा रहे हैं। वैसे तो वार्षिक 22वें भारत-रूस शिखर सम्मेलन में रक्षा, निवेश, ऊर्जा सहयोग, शिक्षा और संस्कृति सहित द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा होगी। लेकिन इन सबके इतर रूस-यूक्रेन युद्ध, तेल आपर्ति बढ़ाने, चाबहार पोर्ट और एस-600 की आपूर्ति पर चर्चा हो सकती है। दुनिया को उम्मीद होगी कि मोदी की इस यात्रा से रूस-यक्रूेन का युद्ध थम जाए। वहीं मोदी की इस यात्रा पर अमेरिका की भी नजर होगी। भारत का यह प्रयास भी होगी वह अपने पारंपरिक दोस्त को चीन के नजदीक जाने से बचाए। बहरहाल यह मोदी की यह यात्रा 8 से 9 जुलाई तक होगी।
आपसी हितों और वैश्विक घटनाक्रमों पर होगी चर्चा
शिखर सम्मेलन में दोनों नेता आपसी हितों और वैश्विक घटनाक्रम पर अपने विचार साझा करेंगे। मोदी क्रेमलिन में अज्ञात सैनिकों की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित करेंगे। वे मॉस्को में प्रदर्शनी स्थल पर रोसाटॉम मंडल का दौरा भी करेंगे। मोदी ने इससे पहले 2019 में रूस की यात्रा की थी, जब उन्होंने आर्थिक सम्मेलन में हिस्सा लिया था। यूक्रेन से संघर्ष के बाद उनकी यह पहली रूस यात्रा होगी। रूस की यात्रा के बाद मोदी ऑस्ट्रिया भी जाएंगे। यह 41 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली ऑस्ट्रिया यात्रा होगी।