अमेरिका के न्यूयॉर्क में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने प्रौद्योगिकी कम्पनियों के प्रमुख मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) के साथ राउंड टेबल बैठक की। मोदी ने कहा कि पिछले दशक में भारत रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मंत्र को लेकर आगे बढ़ रहा है। आज का भारत महत्वाकांक्षी सपने देखता है और उन्हें पूरा करने का भरसक प्रयास भी करता है। मेरे इस तीसरे कार्यकाल में हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को हासिल कर लेंगे।
2030 तक 500 बिलियन डॉलर तक ले जाने का लक्ष्य
मोदी ने कहा कि आज हमारा इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर 150 बिलियन डॉलर से अधिक का है। हमारा लक्ष्य इसे 2030 तक 500 बिलियन डॉलर तक ले जाने का है। इन लक्ष्यों को पाने के लिए हम इंडस्ट्री के साथ जितना सहयोग हो सकता है वह करने के लिए तैयार हैं। भारत में 500 मिलियन से ज़्यादा वर्किंग पापुलेशन है और औसतन आयु 28 साल है। हमारा यूथ स्टीम की पढ़ाई में काफी रुचि ले रहा है। खासकर बेटियां इन क्षेत्रों में आगे बढ़ रही हैं। यूथ की ट्रेनिंग और अपस्केलिंग ज़रूरी है।
यह डिजिटल इंडिया विजन है : पिचाई
राउंड टेबल बैठक के बाद गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई ने कहा कि प्रधानमंत्री भारत को ट्रांसफॉर्म करने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। यह डिजिटल इंडिया विजन है। उन्होंने हमें भारत में निर्माण, भारत में डिजाइन जारी रखने के लिए प्रेरित किया है। हमें पिक्सेल फोन भारत में निर्मित करने पर गर्व है। पीएम मोदी वास्तव में इस बारे में सोच रहे हैं कि एआई भारत को किस तरह से बदल सकता है जिससे भारत के लोगों को लाभ हो। उन्होंने हमें स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, कृषि में अनुप्रयोगों के बारे में सोचने की चुनौती दी और वे भारत के बुनियादी ढांचे के बारे में भी सोच रहे हैं। चाहे वह डेटा सेंटर हो, बिजली हो, ऊर्जा हो। हमें भारत के साथ साझेदारी करने पर गर्व है। हम भारत में एआई में मजबूती से निवेश कर रहे हैं और हम और अधिक करने के लिए तत्पर हैं। हमने कई कार्यक्रम और साझेदारियां तय की हैं। उन्होंने हमेशा हम सभी को भारत के लिए और अधिक करने के लिए चुनौती दी है। अब, वह हमसे एआई के साथ भी ऐसा ही करने के लिए कह रहे हैं। उनके पास एक स्पष्ट दृष्टिकोण है।