प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज आरएसएस के मुख्यालय नागपुर का दौरा किया। उनका ये दौरा बेहद खास है। उनके कार्यकाल में महज तीन से चार ही ऐसे अवसर आए हैं, जब वे आरएसएस से नजदीकी दिखाने में सफल हुए हैं। नागपुर के रेशम बाग में स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्मृति मंदिर में पहुंचकर उन्होंने संघ के संस्थापकों को पुष्पांजलि अर्पित की। इस मौके पर पीएम मोदी ने संघ संस्थापक डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर में आरएसएस के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और इसके दूसरे सरसंघचालक एमएस गोलवलकर के दर्शन भी किए। पीएम मोदी संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की दीक्षाभूमि भी गए। इस मौकों पर पीएम मोदी दो संदेश लिखे, जो आरएसएस और दलितों को साधने में सफल होते दिख रहे हैं।
यह बोले पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि नागपुर में स्मृति मंदिर जाना एक बहुत ही खास अनुभव है। आज की यात्रा को और भी खास बनाने वाली बात यह है कि यह वर्ष प्रतिपदा के दिन हुई है, जो परम पूज्य डॉक्टर साहब की जयंती भी है। मेरे जैसे अनगिनत लोग परम पूज्य डॉक्टर साहब और पूज्य गुरुजी के विचारों से प्रेरणा और शक्ति प्राप्त करते हैं। इन दो महानुभावों को श्रद्धांजलि देना सम्मान की बात थी, जिन्होंने एक मजबूत, समृद्ध और सांस्कृतिक रूप से गौरवशाली भारत की कल्पना की थी। मोदी ने स्मृति मंदिर में एक संदेश पुस्तिका पर लिखा कि ये स्मारक भारतीय संस्कृति, राष्ट्रवाद और संगठन के मूल्यों को समर्पित है। आरएसएस के दो मजबूत स्तंभों का स्मारक उन लाखों स्वयंसेवकों के लिए प्रेरणा है जिन्होंने राष्ट्र की सेवा के लिए स्वयं को समर्पित कर दिया है। मैं स्मृति मंदिर में आकर अभिभूत हूं। यह स्थल परम पूज्य डॉ. हेडगेवार और पूज्य गुरुजी की यादों को संजोए हुए है।
माधव नेत्रालय प्रीमियम सेंटर की आधारशिला रखी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माधव नेत्रालय प्रीमियम सेंटर की आधारशिला रखी। इस दौरान आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी, जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज और स्वामी गोविंद देव गिरि महाराज शामिल हुए।
सेवा संस्कारों में आ जाती है
मोदी ने कहा कि हमारा शरीर परोपकार के लिए ही है। सेवा के लिए ही है और जब ये सेवा संस्कारों में आ जाती है तो सेवा ही साधना बन जाती है। यही साधना तो हर एक स्वयं सेवक के जीवन की प्राणवायु होती है। सेवा संस्कार, यह साधना, यह प्राणवायु पीढ़ी दर पीढ़ी हर स्वयं सेवक को तप-तपस्या के लिए प्रेरित कर रही है। उन्होंने कहा कि यह सेवा साधना हर स्वयं सेवक को निरंतर गतिमान रखती है। उसे कभी थकने नहीं देती, कभी रुकने नहीं देती है। हम देव से देश और राम से राष्ट्र के जीवन मंत्र को लेकर चले हैं। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत के कारण आज करोड़ों लोगों को मुफ्त इलाज की सुविधा मिल रही है। बीते 10 साल में गांवों में लाखों आयुष्मान आरोग्य मंदिर बने हैं। जहां से लोगों को देश के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टरों से टेलीमेडिसिन से कंसल्टेशन मिलता है, प्राथमिक इलाज मिलता है और आगे के लिए सहायता होती है। उन्हें रोगों की जांच के लिए सैकड़ों किलोमीटर दूर नहीं जाना पड़ रहा है।