जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर (पीके) बिहार विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी ‘जन सुराज’ को मिली करारी हार के बाद आत्मचिंतन करने बैठे हैं।
महात्मा गांधी की कर्मभूमि पर उपवास
- प्रशांत किशोर ने पश्चिम चंपारण के भितिहरवा गांधी आश्रम में 24 घंटे का मौन उपवास शुरू किया है।
- यह वही जगह है जहाँ उन्होंने लगभग तीन साल पहले, 2 अक्टूबर 2022 को, ‘बदलाव के संकल्प’ के साथ अपनी पदयात्रा की शुरुआत की थी।
- उन्होंने इस मौन उपवास को कोई ‘राजनीतिक कार्यक्रम’ नहीं, बल्कि ‘आत्मिक प्रायश्चित’ बताया है।
हार के बाद आत्मनिरीक्षण
- हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनाव में, प्रशांत किशोर की पार्टी जन सुराज ने 238 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन वह एक भी सीट नहीं जीत पाई।
- इस निराशाजनक परिणाम के बाद, प्रशांत किशोर ने हार की पूरी जिम्मेदारी खुद पर ली है।
- उनका कहना है कि वह यह जानने की कोशिश कर रहे हैं कि उनकी तीन साल की मेहनत और ‘व्यवस्था परिवर्तन’ का संदेश जनता तक पूरी तरह क्यों नहीं पहुँच पाया।
- उन्होंने चुनाव जीतने वाले प्रत्याशियों को बधाई दी है, साथ ही सरकार से चुनावी वादे पूरे करने का आग्रह भी किया है।
पीके ने स्पष्ट किया है कि वह राजनीति छोड़ने वाले नहीं हैं और बिहार में अपना प्रयास जारी रखेंगे।


