चुनावी रणनीतिकार से राजनेता बने प्रशांत किशोर (PK) की बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर की गई भविष्यवाणियां गलत साबित हो गई हैं। मतगणना के रुझानों में एनडीए को प्रचंड बहुमत मिलता दिख रहा है, जबकि पीके की अपनी पार्टी जन सुराज को इक्का-दुक्का सीटें ही मिलती दिख रही हैं, जिससे उनके राजनीतिक करियर पर सवाल उठ गए हैं।
बिहार में JDU पर दाँव हुआ उल्टा
पीके ने चुनाव से पहले दावा किया था कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू (JDU) को 30 सीटें भी नहीं मिलेंगी। हालांकि, शुरुआती रुझानों में एनडीए की शानदार जीत हुई है और जेडीयू को 75 सीटें मिल रही हैं, जिससे पीके का दावा धराशायी हो गया है।
बंगाल में हुई थी सच
बिहार के उलट, पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में पीके की भविष्यवाणी सच साबित हुई थी। तब उन्होंने खुलेआम कहा था कि बीजेपी 100 सीटों का आंकड़ा पार नहीं कर पाएगी, और हुआ भी वही। इस सफलता के बाद उन्होंने खुद को एक सफल रणनीतिकार के रूप में स्थापित किया था।
राजनीति छोड़ने का सवाल
बिहार में जन सुराज पार्टी बनाकर खुद चुनाव लड़ने वाले पीके की यह बड़ी चूक मानी जा रही है। राजनीतिक गलियारों में अब यह सवाल उठ रहा है कि क्या वह अपनी किसी पिछली टिप्पणी के अनुरूप राजनीति छोड़ेंगे। बिहार में अपनी रणनीति और भविष्यवाणी दोनों के विफल होने से उनकी राजनीतिक विश्वसनीयता को बड़ा झटका लगा है।


