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    राजनीति छोड़ने की ‘कसम’ से पलटे PK, बड़ी खूबसूरती से दिया जवाब, नीतीश को भ्रष्टाचारी कहने पर यह बोले

    बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी जन सुराज के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद, चुनावी रणनीतिकार से नेता बने प्रशांत किशोर (PK) ने हार की पूरी जिम्मेदारी ली है और बिहार की जनता से माफी मांगी है। राजनीति छोड़ने के सवाल पर प्रशांत किशोर ने कहा कि वे किसी पद पर नहीं हैं, इसलिए इस्तीफा देने का सवाल ही नहीं उठता। उन्होंने भावुक होकर कहा, “मैं आप सब से माफी मांगता हूँ। हम लोगों ने गुनाह नहीं किया है, हम लोगों ने जातियों को नहीं बांटा।” पीके ने दोहराया कि वह राजनीति छोड़ सकते हैं, लेकिन बिहार नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने कहा कि चुनावी हार से वह पीछे हटने वाले नहीं हैं, बल्कि दोगुनी मेहनत करेंगे।

    ​चुनाव परिणाम के बाद पहली प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर ने स्पष्ट किया कि वह जनता का विश्वास जीतने में सफल नहीं हो पाए, और वह इसकी 100 प्रतिशत जिम्मेदारी खुद लेते हैं।

    ​जनता से माफी और हार की जिम्मेदारी

    ​प्रशांत किशोर ने स्वीकार किया कि उनकी ‘जन सुराज’ ने ईमानदार प्रयास किया, लेकिन वह पूरी तरह असफल रहा।

    ​”हमने ईमानदार प्रयास किया है और उसमें बिल्कुल सफलता नहीं मिली। इसे स्वीकार करने में कोई बुराई नहीं है। व्यवस्था परिवर्तन की बात छोड़िए, हम सत्ता परिवर्तन भी नहीं करा सके। हमारी कोशिशों में, हमारी सोच में, समझाने में कमी रही होगी, जिसके कारण जनता ने हमें नहीं चुना।”

    ​नीतीश कुमार पर स्पष्टीकरण

    ​प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रशांत किशोर ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर अपनी पिछली टिप्पणियों पर भी सफाई दी।

    ​उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्होंने कभी भी नीतीश कुमार को व्यक्तिगत तौर पर भ्रष्टाचारी नहीं कहा। ​”मैंने हमेशा कहा है कि नीतीश कुमार व्यक्तिगत तौर पर चोर नहीं हैं, लेकिन उनकी सरकार भ्रष्ट है। मैंने हमेशा नीतीश कुमार के प्रशासन की अफसरशाही और उनके नीचे काम करने वाले भ्रष्ट नेताओं पर सवाल उठाए हैं।”

    ​पीके ने यह भी कहा कि भले ही वह चुनाव हार गए हों, लेकिन बिहार की राजनीति बदलने में उनकी भूमिका ज़रूर बनी है।

    ​आगे की रणनीति

    ​प्रशांत किशोर ने कहा कि जन सुराज के कम वोट मिलने के बावजूद मीडिया का इतने बड़े स्तर पर आना दिखाता है कि उनके प्रयास को गंभीरता से लिया गया है। उन्होंने घोषणा की कि वह 20 नवंबर को मौन व्रत रखेंगे और हार के कारणों पर चिंतन करेंगे।

    ​उन्होंने एनडीए से अपने वादों को पूरा करने की अपील की और कहा कि अब उन्हें ही बिहार को बेहतर बनाना होगा।

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