दिल्ली में प्रदूषण की समस्या को कम करने के लिए केंद्र और राज्य सरकार एक बड़ी योजना पर काम कर रही है। सरकार दिल्ली-एनसीआर से पेट्रोल-डीजल से चलने वाली गाडिय़ों को धीरे-धीरे हटाने की सोच रही है। इनकी जगह बैटरी से चलने वाली, हाइब्रिड या सीएनजी गाडिय़ों को लाने की योजना है। ऐसा हुआ तो सरकार नई गाडिय़ों के रजिस्ट्रेशन को ईवी, सीएनजी या हाइब्रिड तक सीमित कर सकती है। इसके बाद पुराने पेट्रोल-डीजल वाहनों को धीरे-धीरे बंद किया जाएगा। इसके लिए संबंधित मंत्रालयों और ऑटोमोबाइल कंपनियों के साथ बातचीत चल रही है। बताया जाता है कि कुछ नियम इस वित्तीय वर्ष में ही लागू हो सकते हैं।
ई-बस से शुरू होगी बदलाव की प्रक्रिया
2025 के अंत तक दिल्ली में सिर्फ साफ ईंधन से चलने वाली नई बसें ही रजिस्टर होंगी। तीन पहिया और हल्के मालवाहक वाहनों के लिए यह समय सीमा 2026 से 2027 तक हो सकती है। इसके बाद कमर्शियल टैक्सियों को बदलाव के लिए थोड़ा ज्यादा समय मिल सकता है। हालांकि राहत की बात यह है कि निजी कारों और दोपहिया वाहनों को आखिरी में बदला जाएगा। उम्मीद है कि सबसे पहले दिल्ली में नियम लागू होंगे। इसके बाद गुरुग्राम, गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद जैसे ज्यादा वाहनों वाले पांच जिलों में और फिर बाकी एसीआर के जिलों में लागू होंगे। सरकार बीएस 6 से कम एमिशन स्टैंडर्ड वाले मालवाहक वाहनों को दिल्ली में आने से रोकने की योजना बना रही है।


