शांत रूप से बहने वाली प्राणमती को उसके शांत रूप को देखते हुए एक गद्देरे का नाम दिया गया था। किंतु पिछले कुछ सालों से इसमें एका एक बरसात में भारी मात्रा में पानी बढ़ने के कारण उसे प्राणमती नदी कहना शुरू कर दिया गया हैं। पिछले साल जिस तरह इस नदी में 12-13 फिर 16 एवं 18 अगस्त की रातों को इस नदी ने अपना जो रौद्र रूप दिखाया उससे तहसील मुख्यालय थराली से लेकर सोल घाटी को थरा कर रख दिया।इस दौरान भैकलताल, ब्रहमताल में फटे बादलों से इस नदी में इतना पानी, पत्थर बोल्डर एवं मलवा आया कि उसके रस्ते में जो भी आया वह उसे बहा ले गया।इस दौरान नगर पंचायत थराली के अंतर्गत प्राणमती से लगे आधा दर्जन मकानों को नदी ने भारी क्षति पहुंचाई।
प्राणमती के रौद्र रूप से भयभीत हैं थराली क्षेत्र के लोग
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