रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की आईपीएल 2025 में खिताबी जीत के बाद बेंगलुरु में हुए भव्य विजय जुलूस के दौरान मची भारी भीड़ और अव्यवस्था को लेकर कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया का एक अजीबोगरीब तर्क सामने आया है। उन्होंने भीड़ के बेकाबू होने की स्थिति को समझाते हुए महाकुंभ मेले में होने वाली भगदड़ जैसी घटनाओं से तुलना की है, जिस पर विपक्षी दल और आम जनता सवाल उठा रहे हैं। हाल ही में हुए आरसीबी के जश्न के दौरान चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर और शहर की सड़कों पर लाखों की संख्या में प्रशंसक उमड़ पड़े थे। भीड़ इतनी अधिक थी कि कई जगहों पर सुरक्षा व्यवस्था धड़ाम हो गई, और भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी। इसमें कुछ लोगों के घायल होने की खबरें भी आईं थीं, और व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े हो गए थे।
जब मुख्यमंत्री से इस स्थिति पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा, "जब लाखों लोग एक साथ आते हैं, तो ऐसी स्थिति (भीड़भाड़ और अव्यवस्था) उत्पन्न हो सकती है। आप महाकुंभ मेले को देख लीजिए, वहां भी कई बार ऐसी घटनाएं हुई हैं जहां दुर्भाग्यवश लोगों की मौत हुई है। इतनी बड़ी भीड़ को नियंत्रित करना हमेशा एक चुनौती होती है।"
भाजपा ने तर्क को “गैर-जिम्मेदाराना” बताया
सिद्धारमैया के इस बयान पर तुरंत प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं। विपक्षी भाजपा ने उनके तर्क को “गैर-जिम्मेदाराना” बताया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि एक क्रिकेट टीम के जश्न की तुलना धार्मिक महाकुंभ से करना और अपनी प्रशासनिक विफलता से ध्यान भटकाने की कोशिश करना निंदनीय है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने पहले से अनुमानित भीड़ के लिए पर्याप्त व्यवस्था नहीं की, जिसके कारण अराजकता फैली। यह अजीबोगरीब तर्क मुख्यमंत्री को विपक्ष के निशाने पर ले आया है, और उन्हें भीड़ प्रबंधन में अपनी सरकार की कथित विफलता के लिए कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है।