केंद्र सरकार बच्चों के सोशल मीडिया के इस्तेमाल को लेकर सख्त नियम बनाने जा रही है। अभी तक बच्चे सोशल मीडिया का प्रयोग करते थे और इससे कई तरह की समस्याएं आ रही थीं। अब इसके दुरुपयोग के लिए सख्त मसौदा बना रही है। डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटक्शन एक्ट 2030 के नियमों को लेकर जो मसौदा बना है, उसके लिए बच्चों को सोशल मीडिया एक्सेस करने के लिए माता-पिता की सहमति जरूरी होगी। सहमति देने वाले बच्चों के माता-पिता ही हैं, इसकी पुष्टि के लिए सरकार की तरफ से जारी पहचान पत्र के जरिए सत्यापन होगा। सरकार ने इस नए कानून के नियमों के मसौदे को जारी कर दिया है, जिसे लेकर 18 फरवरी तक सुझाव मांगे गए हैं।
कानून पहले ही हो चुका है पास
कानून के मुताबिक ई-कॉमर्स कंपनियों सोशल मीडिया समेत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर यूजर्स के डाटा को सुरक्षा सुनिश्चित करने और उसके दुरुपयोग रोकने के प्रावधान भी हैं। हालांकि यह कानून अगस्त 2023 में ही संसद से पास हो गया था। डिजिटल पर्सनल डाटा प्रोटक्शन एक्ट के प्रस्तावित नियमों के तहत नए प्रावधान जोड़े जाएंगे।
भारी-भरकम जुर्माने का प्रावधान
कानून के मसौदे के मुताबिक 18 साल से कम उम्र के बच्चों को अब सोशल मीडिया अकाउंट खोलने के लिए माता-पिता की सहमति लेनी होगी। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना और ड्यूटी मंत्रालय ने 18 फरवरी द्दश1.द्बठ्ठ पर सुझाव मांगे हैं। मसौदे में ई-कॉमर्स संस्थाओं, ऑनलाइन गेमिंग पेट्रोलियम और सोशल मीडिया बिचौलियों सहित महत्वपूर्ण डिस्टर्ब बिचौलियों को परिभाषित किया गया है। सबके लिए दिशा निर्देश निर्धारित किए गए हैं। नियमों का उल्लंघन करने वाली कंपनियों पर 250 करोड़ रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। हालांकि सेक्टर संस्थाओं और बाल कल्याण संगठनों को कुछ नियमों से छूट दी जा सकती है, ताकि बच्चों की शिक्षा और कल्याण प्रभावित न हो।