बिहार में विधानसभा चुनाव 2025 की घोषणा और आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद, पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव एक बार फिर विवादों में आ गए हैं। वैशाली जिले के गणियारी गांव में नदी के कटाव से बेघर हुए बाढ़ पीड़ितों के बीच पप्पू यादव द्वारा नकद पैसे बांटने का मामला सामने आया है। पप्पू यादव ने मौके पर पहुंचकर लगभग 80 प्रभावित परिवारों को 4-4 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी। उन्होंने बताया कि कुल मिलाकर करीब 5 लाख रुपये नकद वितरित किए गए हैं।
- FIR दर्ज: इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद, चुनाव आयोग ने सख्त कार्रवाई करते हुए पप्पू यादव के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का मामला दर्ज कराया है। सीओ के आवेदन पर सहदेई थाने में एफआईआर दर्ज की गई है।
- पप्पू यादव की सफाई: आरोपों पर पप्पू यादव ने कहा है कि उनका उद्देश्य कोई नियम तोड़ना नहीं था, बल्कि उन्होंने ‘मानवता के नाते’ यह मदद की है। उन्होंने तर्क दिया कि मुसीबत में फंसे लोगों को पैसे बांटना आचार संहिता का उल्लंघन कैसे हो सकता है।
चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार, आचार संहिता लागू होने पर कोई भी राजनेता सार्वजनिक रूप से नकद राशि या उपहार नहीं दे सकता, क्योंकि इसे मतदाताओं को प्रभावित करने का प्रयास माना जाता है।