भारत द्वारा किए गए हमले में तबाह हुए पाकिस्तान के नूर खान एयरबेस पर अब नया निर्माण देखा गया है। हालिया सैटेलाइट तस्वीरों से पता चला है कि पाकिस्तान ने यहां एक नई, मजबूत संरचना खड़ी की है। यह नई संरचना एक मजबूत हैंगर है, जिसे कंक्रीट से बनाया गया है। इसे ब्लास्टप्रूफ माना जा रहा है, जिसका अर्थ है कि यह बम हमलों का सामना कर सकता है। यह हैंगर एयरबेस के मुख्य रनवे के बेहद नजदीक स्थित है। यह संरचना भारत के मई 2025 के हमले के लगभग 140-160 दिन बाद बनाई गई है।
आकार और उद्देश्य:
- नई संरचना का क्षेत्रफल लगभग 10,000 से 14,000 वर्ग मीटर है।
- इसका मुख्य उद्देश्य एक मजबूत एयरक्राफ्ट शेल्टर बनाना है, जिसमें चार से पाँच विमानों को सुरक्षित रखा जा सके।
- माना जा रहा है कि इसमें जमीन से आसमान में मार करने वाली मिसाइलें भी रखी जा सकती हैं, जो दुश्मन के विमानों को मार गिराने में सक्षम होंगी।
- रिपोर्ट्स के अनुसार, इस संरचना के पुनर्निर्माण की लागत 22-28 मिलियन डॉलर है।
नूर खान एयरबेस का महत्व:
- यह एयरबेस रावलपिंडी में स्थित है और पाकिस्तानी सेना का मुख्यालय भी यहीं है। यह इस्लामाबाद से लगभग 6 मील दूर है। इसे पहले पीएएफ स्टेशन चकलाला के नाम से जाना जाता था।
- इसे पाकिस्तानी सेना का ‘दिल’ कहा जाता है, क्योंकि यह फेडरल एयर कमांड का हिस्सा है और रसद, वीआईपी परिवहन तथा रणनीतिक अभियानों में अहम भूमिका निभाता है।
- माना जाता है कि पाकिस्तान यहां अपने सबसे शक्तिशाली लड़ाकू विमानों, एयर डिफेंस सिस्टम और सर्विलांस एयरक्राफ्ट (जैसे C-130 हरक्यूलिस और ISR विमान) को तैनात करता है। कुछ रिपोर्ट्स में यहां तक दावा किया गया है कि यहां परमाणु हथियारों को भी तैनात किया गया है।
पाकिस्तान ने यह निर्माण भविष्य में भारत के संभावित हमलों से अपने लड़ाकू विमानों और कीमती सैन्य संसाधनों को सुरक्षित करने के उद्देश्य से किया है। सैटेलाइट तस्वीरें स्पष्ट करती हैं कि भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान हुए बड़े नुकसान के बाद पाकिस्तान इस महत्वपूर्ण एयरबेस को जल्द से जल्द बहाल करने और मजबूत बनाने में जुटा है।


