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    बॉर्डर पर पाक की नापाक चाल.. लगातार फायरिंग के पीछे यह है मंशा

    पहलगाम आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की जान चली गई, जिसके बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। इस घटना के बाद भारत ने पाकिस्तान के साथ व्यापार और राजनयिक संबंधों को कम कर दिया है और सिंधु जल संधि पर भी रोक लगा दी है। एलओसी पर पिछले 10 रातों से जारी फायरिंग के पीछे पाकिस्तान की मंशा नापाक नजर आ रही है। इसके जरिए या तो वह घुसपैठ कराना चाहता है या भारत पर दबाव बनाना चाहता है।

    ये हैं संभावित कारण

    • घुसपैठ में आतंकवादियों की मदद : माना जा रहा है कि पाकिस्तान की ओर से की जा रही फायरिंग का उद्देश्य आतंकवादियों को भारतीय सीमा में धकेलना है। फायरिंग से भारतीय सुरक्षा बलों का ध्यान भटकता है, जिससे घुसपैठ आसान हो जाती है।
    • भारत पर दबाव बनाना : पाकिस्तान इस फायरिंग के माध्यम से भारत पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाना चाहता है। लगातार तनाव बनाए रखने से भारत को अपनी सैन्य और कूटनीतिक नीतियों पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर किया जा सकता है।
    • अंतर्राष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करना : पाकिस्तान एलओसी पर अशांति पैदा करके अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का ध्यान कश्मीर मुद्दे की ओर आकर्षित करना चाहता है। वह यह दर्शाना चाहता है कि क्षेत्र में स्थिति नाजुक है और बाहरी हस्तक्षेप की आवश्यकता है।
    • भारतीय कार्रवाई का प्रतिरोध : पहलगाम हमले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई की चेतावनी दी है। एलओसी पर फायरिंग को भारत की संभावित सैन्य कार्रवाई को रोकने या उसका प्रतिरोध करने की रणनीति के रूप में भी देखा जा सकता है।
    • आंतरिक राजनीतिक उद्देश्य : पाकिस्तान में आंतरिक राजनीतिक अस्थिरता भी एलओसी पर तनाव बढ़ाने का एक कारण हो सकती है। सरकार अपनी जनता का ध्यान हटाने या राष्ट्रवादी भावनाएं भडक़ाने के लिए इस तरह की कार्रवाइयों का सहारा ले सकती है।

    सीमा पर तनाव बरकरार

    हालांकि पाकिस्तान आधिकारिक तौर पर इन फायरिंग की जिम्मेदारी नहीं लेता है, लेकिन लगातार हो रही घटनाएं और उनकी टाइमिंग इन अटकलों को बल देती हैं। भारत ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान को कड़ा संदेश दिया है, लेकिन तनाव अभी भी बना हुआ है। यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में एलओसी पर स्थिति क्या रुख लेती है और दोनों देश इस बढ़ते तनाव को कैसे संभालते हैं।

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