पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी के नेतृत्व में अमेरिका दौरे पर गए एक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को एक वरिष्ठ अमेरिकी सांसद ब्रैड शर्मन से कड़ी फटकार मिली है। शर्मन ने पाकिस्तान से आतंकी समूह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) को पूरी तरह से खत्म करने और देश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा है।
कांग्रेसी ब्रैड शर्मन ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में बताया कि उन्होंने पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल से आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के महत्व पर जोर दिया। जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ 2002 में उनके निर्वाचन क्षेत्र के निवासी अमेरिकी पत्रकार डैनियल पर्ल की हत्या कर दी थी। शर्मन ने कहा कि पर्ल का परिवार अभी भी उनके जिले में रहता है और पाकिस्तान को इस “घृणित समूह” को खत्म करने और क्षेत्र में आतंकवाद से लड़ने के लिए “हर संभव प्रयास” करना चाहिए।
बिलावल भुट्टो का यह अमेरिकी दौरा ऐसे समय में हुआ है जब भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान-प्रायोजित आतंकवाद को उजागर करने के लिए एक बड़ा अभियान चलाया है। पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल कश्मीर मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय बनाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन इसके बजाय उसे अपने ही देश से निकलने वाले आतंकवाद से निपटने के लिए निर्देशित किया गया।
शर्मन ने धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में रहने वाले ईसाइयों, हिंदुओं और अहमदिया मुसलमानों को “हिंसा, उत्पीड़न, भेदभाव या असमान न्याय प्रणाली के डर के बिना अपने धर्म का पालन करने और लोकतांत्रिक प्रणाली में भाग लेने की अनुमति दी जानी चाहिए।” उन्होंने डॉ. शकील अफरीदी की रिहाई के लिए भी दबाव डाला, जो ओसामा बिन लादेन का पता लगाने में अमेरिकी खुफिया एजेंसी की मदद करने के बाद से जेल में बंद हैं अमेरिका पाकिस्तान से आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई की उम्मीद कर रहा है और उसकी सरजमीं से संचालित होने वाले आतंकी समूहों पर नकेल कसने का दबाव जारी रहेगा।


