पाकिस्तान और भारत एक साथ ही आजाद हुए थे। तब पाकिस्तान ने अमेरिका की गोद में बैठकर तेज से उड़ान भरनी चाही, लेकिन तानाशाही और आतंकवाद के जाल में वह ऐसा उलझा कि आज वह कंगाली की कगार पर है। वह भीख का कटोरा लेकर कभी चीन तो कभी अमेरिका तो कभी यूएई के सामने खड़ा हो जाता है। वह एमआईएफ से भी भीख की गुहार लगाते रहता है, लेकिन इसके बाद भी उसकी दुर्दशा कम नहीं हुई है। आज हालात यह हैं कि 2024 में भारत की जीडीपी जहां 3397 अरब डॉलर की ऊंचाई पर है, तो वहीं पाकिस्तान की जीडीपी 338 अरब डॉलर तक सिमट गई है। यानि भारत की इकोनॉमी पाकिस्तान से 10 गुना से भी ज्यादा है। यहीं नहीं महाराष्ट्र की जीडीपी भी पाकिस्तान से ज्यादा 439 अरब डॉलर है, जो पाकिस्तान से 100 अरब डॉलर ज्यादा है।
पाकिस्तान से भी ज्यादा है टाटा ग्रुप की वैल्यू
पिछले दिनों एक आई एक रिपोर्ट ने पाकिस्तान को आईना दिखाया है। हालात यह हैं कि भारत के टाटा गु्रप की मार्केट वैल्यू पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था से कहीं ज्यादा है। टाटा गु्रप की तब तत्कालीन वैल्यू 365 बिलियन डॉलर की थी, जबकि पाकिस्तान की कुल जीडीपी उस समय 341 अरब डॉलर की थी। 2011 से 2023 तक पाकिस्तान में प्रति व्यक्ति कर्ज 36 प्रतिशत बढक़र 2023 में 1122 डॉलर हो गया है। कर्ज और आय के बीच यह अंतर दिखाता है कि पाकिस्तान की हालत क्या है। यानि 2011 में पाकिस्तान में जन्म लेने वाले बच्चे पर 70,778 पाकिस्तान रुपये है तो वहीं 2023 में जन्मे शिशु पर 3,21,341 रुपये का कर्ज है।