पाकिस्तान भले ही तंगहाली के दौर से गुजर रहा हो, लेकिन उसकी भारत से दुश्मनी की आग बुझी नहीं है। वह चीन और उत्तर कोरिया की मदद से किलर मिसाइलें बनाने की जुगत में है। माना जाता है कि पाकिस्तान अब भारत की बढ़ती सैन्य और परमाणु ताकत से खौफ में हैं। उसे भारत की मिसाइल ताकत का ज्यादा डर सता रहा है। भारत की एमआईआरवी तकनीक से लैस अग्नि मिसाइल, ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल, रूस से मिला एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम और निर्माणाधीन हाइपरसोनिक मिसाइल है। पाकिस्तान के लोग अब दुनिया से गुहार लगा रहे हैं कि वे भारत को इन ब्रह्मास्त्र का निर्माण करने से रोके।
युद्ध को जीतने के इरादे हैं
पाकिस्तान के थिंक टैंक माने जाने वाले प्रोफेसर डॉक्टर जफर खान ने एक लेख में कहा कि भारत अपनी परंपरागत और परमाणु ताकत का आधुनिकीकरण कर रहा है। अमेरिका के बुलेटिन ऑफ एटामिक साइंटिस्ट और सिप्री की रिपोर्ट के हवाले से दावा किया कि भारत अपनी प्रतिरोधक ताकत को तेजी से न केवल बढ़ा रहा है, बल्कि उसको आधुनिक भी बना रहा है। उन्होंने कहा कि भारत ऐसा प्रतिष्ठा, शक्ति प्रदर्शन, प्रभुत्व को बढ़ाने और युद्ध को जीतने के इरादे से कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम, एक ही मिसाइल से कई परमाणु बम गिराने की ताकत (एमवीआरवी) के सीरीज की सबमरीन से दागे जाने वाली मिसाइल, ब्रह्मोस मिसाइल जो सुपरसोनिक से हाइपरसोनिक बनाई जा रही है, पाकिस्तान के लिए खतरा है। उसकी रेंज भी 1500 करने की योजना है।
हाइपरसोनिक मिसाइल है खतरा
एस 400 मिसाइल डिफेंस और 15 हजार किमी तक मार करने वाली हाइपरसोनिक मिसाइल को बड़े पैमाने पर बनाने का काम हो रहा है। उन्होंने दावा किया कि इन सभी की बढ़ती रेंज और मारक क्षमता चीन से आगे तक है और यह दुनिया के कई हिस्सों तक पहुंच सकेंगी। भारत परमाणु बमों की संख्या को बढ़ा रहा है, बल्कि उसको दागने के लिए जरूरी वारहेड की संख्या को भी तेजी से बढ़ा रहा है।
परमाणु युद्ध का है खतरा
पाकिस्तानी प्रोफेसर ने माना कि यह भारत की बढ़ती ताकत और अमेरिका, रूस और इजरायल के साथ उसकी बढ़ती सैन्य नजदीकी की वजह से है। ट्रंप और पीएम मोदी के बीच मुलाकात से यह संकेत मिलता है कि अमेरिका किस तरह से भारतीय नेतृत्व को अमेरिकी एफ 35 फाइटर जेट खरीदने के लिए प्रभावित कर सकता है। इससे पाकिस्तान की सुरक्षा को बड़ा खतरा है। बालाकोट जैसी घटना होने पर दोनों देशों के बीच भविष्य में परमाणु युद्ध शुरू होने का खतरा रहेगा। इससे शक्ति संतुलन गड़बड़ाएगा।