पाकिस्तान भी कंगाली के दौर से गुजर रहा हो, दुनियाभर से कर्ज मांगते फिर रहा हो, लेकिन एक मामला ऐसा है, जिसमें वह अन्य देशों से मीलों आगे हैं। क्या भारत, क्या चीन रूस और इजरायल सब उससे पीछे हैं। अमेरिका भी इसमें पाकिस्तान के मुकाबले काफी पीछे है। दरअसल दुनिया में कई देश जो युद्ध लड़ रहे हैं या आने वाले समय में लड़ेंगे, उनके लिए सैनिकों की कमी चिंता की बात है। यूएसए, रूस और भारत अपना-अपना रक्षा बजट बढ़ा रहे हैं, लेकिन उनके सामने सैनिकों की कमी बड़ी चिंता की बात है। एशिया के देशों में भी पर्याप्त सैनिकों की कमी है। लेकिन पाकिस्तान के युवा अलग हैं और वे फौज में जाने के लिए बेहद उत्साहित रहते हैं।
ऐसा है सेना के प्रति क्रेज
एक रिपोर्ट की मानें तो पाकिस्तान से आगे दो और देश हैं, जहां युवा सेना में बड़ी संख्या में भर्ती हो रहे हैं। मोरक्को और फिजी में 94 प्रतिशत युवा सेना में जाने के इच्छुक हैं। वहीं तीसरे नंबर पर पाकिस्तान है जहां 89 प्रतिशत युवा सेना से जुडक़र लडऩे के इच्छुक हैं। चीन में 71 प्रतिशत युवा सेना में जाकर देश के लिए सर्वोच्च बलिदान करने के इच्छुक हैं। जापान में सिर्फ 11 प्रतिशत युवा, जबकि दक्षिण कोरिया में 42 प्रतिशत युवा सेना में जाने के इच्छुक हैं। यहां तक कि चीन से युद्ध के कगार पर खड़ा ताईवान भी सैनिकों की कमी से जूझ रहा है।