पाकिस्तान और अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के बीच रिश्ते बेहद तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं। सीमा पार से हो रहे आतंकी हमलों को लेकर पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को खुली धमकी दी है कि अगर शांति वार्ता विफल होती है तो दोनों देशों के बीच खुला युद्ध छिड़ सकता है।
धमकी और शांति वार्ता
यह चेतावनी तुर्किये के इस्तांबुल में हो रही शांति वार्ता के दूसरे दौर के बीच आई है। पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक आक्रामक बयान देते हुए कहा है कि अगर बातचीत से कोई हल नहीं निकलता है और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे आतंकी समूहों को अफगानिस्तान की जमीन से पनाह देना बंद नहीं किया गया, तो अफगानिस्तान को जंग के लिए तैयार रहना चाहिए।
तनाव का मुख्य कारण: TTP
दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव की जड़ तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) है, जिसे ‘पाकिस्तानी तालिबान’ के नाम से भी जाना जाता है। पाकिस्तान का आरोप है कि TTP के लड़ाके अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल पाकिस्तान में हमले करने और वापस सुरक्षित पनाह लेने के लिए करते हैं, और अफगान तालिबान उन्हें पनाह दे रहा है।
हाल ही में, पाकिस्तान ने काबुल और अफगानिस्तान के सीमावर्ती इलाकों में कथित तौर पर TTP के ठिकानों को निशाना बनाते हुए एयर स्ट्राइक की थी, जिसके बाद दोनों देशों के बीच सीमा पर भीषण झड़पें हुईं और दर्जनों लोग मारे गए। इन हमलों से तालिबान सरकार बेहद नाराज़ है और उसने पाकिस्तान को बदला लेने की खुली चुनौती दी है।
तालिबान का पलटवार
पाकिस्तानी हमलों से बौखलाए तालिबान ने भी पलटवार करते हुए पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है। तालिबान सरकार के डिप्टी मिनिस्टर मौलवी मुहम्मद नबी ओमारी ने धमकी दी है कि अगर अफगान जनता ने पाकिस्तान के खिलाफ ‘फतवा’ जारी कर दिया, तो पाकिस्तानी सेना को कहीं भी सुरक्षा नहीं मिलेगी।
मौजूदा हालात में, पाकिस्तान की आर्थिक और राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए एक लंबी जंग उसके लिए बेहद मुश्किल होगी। हालांकि, सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान का आक्रामक रुख यह संकेत देता है कि अगर कूटनीति विफल होती है, तो दोनों पड़ोसी देशों के बीच एक खतरनाक सैन्य संघर्ष की आशंका बढ़ सकती है।


