भारत ने अपने सभी पड़ोसी देशों को नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह का न्यौता दिया, लेकिन पाकिस्तान को आमंत्रित नहीं किया। इस पर पाकिस्तान के लोग भडक़ गए हैं। उनका कहना है कि भारत की नजरों में पाकिस्तान की कोई औकात नहीं है। यही वजह है कि भारत ने श्रीलंगा, मालदीव, सेशेल्स, बांगलादेश, मॉरीशस, नेपा और भूटान को आमंत्रित किया, लेकिन पाकिस्तान को पूछा तक नहीं। भले ही पाकिस्तान की आवाम भडक़ी हुई है लेकिन पाकिस्तान सरकार का अपना अलग रुख है।
ऐसे बदले पाकिस्तान के सुर
पाकिस्तान ने कहा कि भारत ने जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाकर द्विपक्षीय संबंधों को खराब किया। चुनाव में भी भारत के नेताओं की ओर से पाकिस्तान के खिलाफ तीखी बयानबाजी की गई। हालांकि बाद में पाकिस्तान विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा के सुर बदल गए और उन्होंने कहा कि वह भारत समेत सभी पड़ोसियों के साथ सहयोगात्मक संबंधों की इच्छा रखता है। हमें उम्मीद है कि भारत शांति और बातचीत के रास्ते पर आगे बढ़ेगा। भारत और पाकिस्तान के लोगों के पारस्परिक लाभ के लिए लंबे समय से चल रहे विवाद के समाधान के लिए अच्छा माहौल बनाने की जरूरत है। जब उनसे पूछा गया कि नरेंद्र मोदी को पाकिस्तान की ओर से बधाई नहीं दी जाएगी तो उन्होंने कहा कि यह प्रश्र समय से पहले है।
2014 में मोदी ने शरीफ को बुलाया था
गौरतबल है कि 2014 में जब मोदी पीएम बने थे तो उन्होंने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को शपथ ग्रहण में बुलाया था। मोदी एक बार अचानक पाकिस्तान भी पहुंच गए थे। लेकिन जब आतंकी गतिविधियों पर लगाम नहीं लगी तो भारत ने पाकिस्तान पर सर्जिकल और एयर स्ट्राइक कर अपने संबंध तोड़ लिए।