भारत के “ऑपरेशन सिंदूर” के दौरान पाकिस्तान को हुए नुकसान को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है। एक गोपनीय पाकिस्तानी डोजियर में यह बात सामने आई है कि भारत ने जितना सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया था, उससे कहीं अधिक पाकिस्तानी ठिकानों को निशाना बनाया था। यह डोजियर पाकिस्तान के आंतरिक सैन्य ऑपरेशन ‘बुनियान उन मरसूस’ से संबंधित है, जिसे भारत के पलटवार के बाद शुरू किया गया था। एनडीटीवी द्वारा एक्सेस किए गए डोजियर के अनुसार, भारतीय वायु सेना या सैन्य अभियानों के महानिदेशक (DGMO) द्वारा अपनी प्रेस ब्रीफिंग में जिन ठिकानों का जिक्र नहीं किया गया था, उन पर भी भारत ने कम से कम आठ अतिरिक्त हवाई हमले किए थे। पाकिस्तानी डोजियर में मौजूद मानचित्रों से पता चलता है कि भारतीय हमले पेशावर, झांग, सिंध में हैदराबाद, पंजाब में गुजरात, गुजरांवाला, बहावलनगर, अटक और चोर जैसे प्रमुख शहरों में हुए थे। ये ऐसे स्थान हैं जिनका भारतीय अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से उल्लेख नहीं किया था।
अधिक गहराई और व्यापकता से हमला किया
यह नई जानकारी बताती है कि भारत ने पाकिस्तान के भीतर कहीं अधिक गहराई और व्यापकता से हमला किया था, जितना पहले समझा जा रहा था। इससे यह भी स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान ने बाद में युद्धविराम का अनुरोध क्यों किया था। यह खुलासा पाकिस्तान के उन बड़े दावों के भी विपरीत है, जिसमें उसने भारतीय पक्ष को भारी नुकसान पहुंचाने का दावा किया था। भारत ने पहले जैश-ए-मोहम्मद के बहावलपुर मुख्यालय और लश्कर-ए-तैयबा के मुरीदके स्थित शिविर सहित नौ आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाने की बात कही थी। इसके अलावा, मुज़फ़्फ़राबाद, कोटली, रावलकोट, चकस्वारी, भीमबर, नीलम घाटी, झेलम और चकवाल जैसे स्थानों पर भी हमले किए गए थे।
पाकिस्तान को अपनी क्षति की का खुलासा करने दिया
पाकिस्तानी डोजियर में अब आठ अतिरिक्त ठिकानों का खुलासा होने से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को एक नए रूप में देखा जा रहा है। यह स्पष्ट करता है कि भारत ने अपने सामरिक निर्णय के तहत पाकिस्तान को ही अपनी क्षति की पूरी सीमा का खुलासा करने दिया। नए सामने आए लक्ष्यों में शहरी केंद्रों में सैन्य और दोहरे उपयोग वाले प्रतिष्ठान शामिल हैं, जो पहले भारत द्वारा स्वीकार किए गए क्षेत्रों से कहीं अधिक दूर थे, जिससे यह एक अधिक महत्वाकांक्षी और गणनात्मक सैन्य ऑपरेशन प्रतीत होता है।