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    इस्तांबुल में पाक-तालिबान बातचीत नाकाम : क्या अफगानिस्तान में छिड़ेगी जंग?

    पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच तुर्की के इस्तांबुल में चल रही चार दिवसीय शांति वार्ता बिना किसी सफलता के समाप्त हो गई है। अफगान मीडिया आउटलेट टोलो न्यूज और पाकिस्तानी अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है। यह वार्ता ऐसे समय में नाकाम हुई है, जब दोनों पड़ोसी देशों के बीच सीमा पर तनाव चरम पर है।

    पाकिस्तान वार्ता छोड़कर भागा: मुख्य मांगें अस्वीकार

    पाकिस्तान के सूचना एवं प्रसारण मंत्री अताउल्लाह तरार ने बुधवार तड़के पुष्टि की कि इस्तांबुल में हुई वार्ता नाकाम रही। अफगान मीडिया के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अफगान प्रतिनिधिमंडल ने इस्लामाबाद की कुछ मांगों का कड़ा विरोध किया, जिसके बाद पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल वार्ता छोड़कर चला गया।

    पाकिस्तान की मुख्य मांगें:

    1. टीटीपी (TTP) पर कार्रवाई: इस्लामाबाद ने अफगान तालिबान से तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को आतंकवादी समूह घोषित करने और उसके खिलाफ निर्णायक कार्रवाई करने का अनुरोध किया।
    2. आतंकवादियों के खिलाफ सहयोग: पाकिस्तान लंबे समय से देश को निशाना बनाने वाले आतंकवादियों के खिलाफ काबुल से सहयोग मांग रहा था।

    तालिबान की मुख्य मांगें:

    1. हवाई हमले बंद करना: तालिबान प्रतिनिधिमंडल ने इस्लामाबाद से अफगानिस्तान पर हो रहे हवाई हमले तुरंत बंद करने का अनुरोध किया।
    2. अमेरिकी ड्रोन उड़ानें रोकना: अमेरिकी ड्रोन उड़ानों को रोकने का अनुरोध भी किया गया, जिसे पाकिस्तान ने स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

    📢 पाकिस्तान का तालिबान पर गंभीर आरोप

    मंत्री अताउल्लाह तरार ने तालिबान पर पाकिस्तान में हमला करने वाले चरमपंथी समूहों जैसे टीटीपी और बीएलए (बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी) को समर्थन देने का आरोप लगाया।

    तरार ने कहा कि चार वर्षों तक लोगों और सामग्री का इतना बड़ा नुकसान झेलने के बाद पाकिस्तान का धैर्य जवाब दे गया है। उन्होंने यह भी कहा कि तालिबान अफगान लोगों को एक अनावश्यक युद्ध में घसीटना चाहता है।

    उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की सुरक्षा सर्वोपरि है और वह “आतंकवादियों, उनकी पनाहगाहों और उन्हें संरक्षण देने वालों का सफाया करने के लिए आवश्यक सभी संसाधनों का उपयोग करता रहेगा।”

    💥 क्या छिड़ेगी खुली जंग?

    पाकिस्तानी सुरक्षा सूत्रों ने कहा कि अफगान तालिबान टीटीपी के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई के लिए तैयार नहीं है और बार-बार काबुल से आ रहे निर्देशों पर अपना रुख बदलता रहा।

    वार्ता की विफलता के बाद, दोनों पड़ोसियों के बीच एक बार फिर सैन्य टकराव का खतरा बढ़ गया है। गौरतलब है कि पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पहले ही धमकी दी थी कि यदि वार्ता विफल होती है तो पाकिस्तान अफगानिस्तान के खिलाफ खुली जंग छेड़ देगा।

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