जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद सुरक्षाबलों ने कश्मीर घाटी में आतंकवाद के खिलाफ अपनी कार्रवाई तेज कर दी है। इस हमले के बाद से अब तक 3,600 से अधिक ओवर ग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) को गिरफ्तार किया गया है और आतंकवाद से जुड़े 12 घरों को ध्वस्त कर दिया गया है। दरअसल ओवर ग्राउंड वर्कर्स वे लोग होते हैं जो सीधे तौर पर आतंकी गतिविधियों में शामिल नहीं होते, लेकिन आतंकियों को लॉजिस्टिक सहायता, सूचना और आश्रय प्रदान करते हैं। ये आतंकवाद के पारिस्थितिकी तंत्र का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होते हैं। पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने ओजीडब्ल्यू के नेटवर्क को तोडऩे के लिए व्यापक अभियान चलाया है। इन गिरफ्तारियों का मकसद आतंकवादियों की सहायता श्रृंखला को काटना है, जिससे उनकी गतिविधियों को अंजाम देना मुश्किल हो सके।
घरों को ध्वस्त करने की कार्रवाई
आतंकवाद से जुड़े घरों को ध्वस्त करने की कार्रवाई को एक सख्त संदेश के तौर पर देखा जा रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह उन लोगों के लिए चेतावनी है जो आतंकवादियों को पनाह देते हैं या किसी भी तरह से उनकी मदद करते हैं। इन ध्वस्त किए गए घरों में आतंकियों के ठिकाने या वे स्थान शामिल हो सकते हैं जहां से आतंकी गतिविधियां संचालित की जाती थीं।
सुरक्षाबलों का कड़ा रुख
पहलगाम आतंकी हमले में कई निर्दोष लोगों की जान जाने के बाद सुरक्षाबलों और प्रशासन ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपना लिया है। सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) संयुक्त रूप से अभियान चला रहे हैं, जिसमें खुफिया जानकारी के आधार पर छापेमारी और तलाशी अभियान शामिल हैं। यह कार्रवाई कश्मीर में शांति और स्थिरता बहाल करने के प्रयासों का एक हिस्सा है। सुरक्षा एजेंसियां इस बात पर जोर दे रही हैं कि आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए ओजीडब्ल्यू नेटवर्क को ध्वस्त करना बेहद जरूरी है। इन अभियानों से उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में घाटी में आतंकी घटनाओं में कमी आएगी।