भाजपा में शामिल होने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने कहा कि मैं कहना चाहता हूं कि राख के ढेर पर ना शोले हैं ना अंगारे हैं, कुछ तो बात होगी कि हम बेवफ़ा हुए। मुझे अपने जीवन में कभी पद और कद की लालसा नहीं रही। मैं सार्वजनिक तौर पर कह रहा हूं कि अभी मैं बगैर शर्त के यहां आया हूं। कांग्रेस जिन सिद्धांतों और नीतियों के लिए जानी जाती रही है उनसे कांग्रेस विमुख हो रही है। जनता से विमुख हो रही है। कांग्रेस को जनता से जो रिशता रखना चाहिए वे नहीं हो पा रही है। कांग्रेस ने आजादी में प्रमुख भूमिका अदा की है इसलिए उन्हें अपने उस इतिहास को याद करके काम करना चाहिए। वहीं पूर्व विधायक संजय शुक्ला ने कहा कि मैं अपने परिवार में वापस लौट आया हूं। कांग्रेस ने जिस तरह रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह का निमंत्रण ठुकराया, उससे मन क्षुब्ध था।
पचौरी बोले-कुछ तो बात होगी कि हम बेवफ़ा हुए… संजय शुक्ला ने दिया यह तर्क
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